यमराज ने 6 महीने पहले बही फाड़ दी और Police का हिसाब अभी भी बाकी; अब जेल से क्या आत्मा की होगी रिहाई?

- 93 साल की उम्र में नवंबर 2022 में हो चुकी हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे बक्सर जिले के पतिराम राय की मौत
- अब सरकार की तरफ से 14 साल से ज्यादा कैद काट चुके लोगों को रिहा किए जाने का आदेश, लिस्ट में था पतिराम का नाम
बक्सर. सरकारी रिकॉर्ड में अक्सर बहुत बड़ी और अजीब सी गड़बड़ी देखने को मिल जाती हैं। कहीं जिंदा आदमी बरसों तक अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए भटकता रहता है और जब इस हकीकत को मंजूर कर लिए जाने की बारी आती तो वह सच में ही दुनिया से विदा हो जाता है, कहीं मरने के बाद भी पुलिस के बहीखाते में जुर्म का हिसाब चुकता नहीं हो पाता। हाल ही में बिहार के बक्सर से एक ऐसा ही विचित्र मामला सामे आया है। कोर्ट ने जेल से एक ऐसे कैदी को रिहा करने का ऑर्डर दिया है, जो 6 महीने पहले ही इस दुनिया से विदा हो चुका है। अब जबकि वह जेल में है नहीं तो फिर किसकी और कैसी रिहाई? सवाल उठता है कि पुलिस वाले आत्मा को भी कैद करके रखने ने लग गए क्या? आइए इस मामले को जरा तफसील से समझते हैं…
ध्यान रहे, सरकार द्वारा कानून में संसोधन करके जिला अधिकारी की हत्या के मामले में उम्रकैद के सजायाफ्ता पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता बीते दिनों साफ कर दिया गया। गुरुवार को वह जेल से रिहा भी हो चुका है, वहीं इसी के साथ 27 और कैदियों को छोड़ने का भी आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के हितग्राहियों में एक नाम ऐसा भी है, जिसकी सांसारिक भूमिका खत्म हुए 6 महीने का वक्त बीत चुका है। दरअसल, बक्सर जिले के हीं सिमरी गांव के पतिराम राय को कत्ल के एक केस में उम्रकैद की सजा का हुक्म हुआ था। मुक्त कारागार अधीक्षक कुमारी शालिनी के मुताबिक मृतक कैदी पतिराम राय की उम्र तकरीबन 93 वर्ष हो जाने के कारण उनकी रिहाई के लिए कुछ वक्त पहले कारागार एवं सुधार विभाग को पत्र लिखा गया था। बाद में नवंबर 2022 में जेल में बंद वयोवृद्ध पतिराम राय की अचानक तबीयत बिगड़ी और फिर इलाज के दौरान मौत हो गई।
अब जबकि राज्य सरकार के द्वारा 14 साल से ज्यादा की कैद भुगत चुके कैदियों की रिहाई की घोषणा की गई है तो ऐसे कुछ लोगों में पतिराम राय का भी नाम भी शामिल। विडम्बना देखिए कि पतिराम राय अपनी रिहाई की खुशी महसूस किए बगैर ही दुनिया से विदा हो गए। अब रिहाई की मांग वाले पत्र और सरकार के नए आदेश का उसके परिवार के लिए क्या फायदा। दूसरी ओर सोशल मीडिया पर यह जानकारी शेयर होने के बाद यूजर्स को कमैंट्स करते देखा जा सकता है, ‘गजब! पुलिस अब पतिराम राय की आत्मा को जेल से रिहा करेगी क्या?’