SAD छोड़कर आए फिरोजपुर के नेता अवतार सिंह जीरा को BJP ने सौंपी जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी; AAP सरकार पर बोला हमला, कहा-पुलिस नेताओं की ही नहीं सुनती तो जनता की क्यों सुनेगी?
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नई जिम्मेदारी सौंपी जीरा को नई जिम्मेदारी, गोसेवा रक्षा दल के जिला प्रधान प्रवीन बाली ने कराया मुंह मीठा
सोहन सिंह चोपड़ा/फिरोजपुर
पंजाब की राजनीति में बुधवार को बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। यहां थोड़े ही दिन पहले शिरोमणि अकाली दल छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुए फिरोजपुर के कद्दावर नेता हरि सिंह जीरा के पुत्र अवतार सिंह जीरा को पार्टी ने जिला अध्यक्ष की बड़ी जिम्मेदारी से नवाजा है। राजनैतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा नेतृत्व ने आने वाले वक्त में प्रदेश में अपने संगठन को मजबूत करने के लिए जीरा को यह जिम्मा दिया है। उम्मीद है कि अब पार्टी की अंदरूनी फूट पर विजय हासिल करके नई मजबूती हासिल की जा सकेगी। भाजपा के पुराने और कर्मठ कार्यकर्ताओं ने जीरा को दी गई जिम्मेदारी का स्वागत किया है, वहीं जीरा ने कहा कि अब पार्टी नए जोश के साथ जिले में अपना मुकाम हासिल करने के लिए काम करेगी। साथ ही उन्होंने मौजूदा आम आदमी पार्टी सरकार पर भी करारी चोट की है कि प्रदेश में जिस बदलाव की बात की जा रही थी, उसके नाम पर सिर्फ जनता के साथ धोखा किया गया है। राजनैतिक रंजिश में भी कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही, लेकिन अब भाजपा नेतृत्व इस पक्षपात को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा।
ध्यान रहे, तीन नए खेती कानून लाए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) की इज्जत देशभर में खासी किरकिरी हुई थी। नतीजा यह हुआ कि पंजाब में सबसे बड़े सहयोगी घटक शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने भी 25 बरस पुराना गठबंध तोड़ लिया। उधर, अब एक ओर अकाली दल प्रदेश में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ता नजर आ रहा है, वहीं दूसरी ओर इस दल के प्रमुख नेता लोग पुराने सहयोगी भाजपा के साथ ही खड़े होते नजर आ रहे हैं। कॉन्ग्रेस के राज में खेल मंत्री रहे इलाके के कद्दावर नेता राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी भी इस वक्त भाजपा में हैं। इसी के साथ कुछ ही महीने पहले शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता हरि सिंह जीरा (पूर्व विधायक) का परिवार भी बादल परिवार का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गया।
इसके बाद भाजपा में नई उठापटक शुरू हो गई। इसमें कोई दो राय नहीं कि भाजपा में कमल शर्मा के हाथ से कमान चले जाने के बाद अंदरूनी गुटबाजी चरम पर है। इस पर विजय पाने के लिए पार्टी नेतृत्व के लिए संगठनात्मक बदलाव करना लाजमी हो गया था। इसी फेहरिस्त में पार्टी के जिला अध्यक्ष का पद भी रहा। हालांकि पार्टी में लगभग 20-30 साल से काम कर रहे 15 से ज्यादा नेताओं के बीच इस पद को लेकर ‘एक अनार-सौ बीमार’ वाली स्थिति बनी हुई थी। इससे उबरने के लिए नए चेहरे की तलाश शुरू हुई तो यह तलाश अब हरि सिंह जीरा के बेटे अवतार सिंह जीरा पर आकर खत्म हो गई। पार्टी नेतृत्व ने जीरा को जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी के काबिल समझा तो केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नई जिम्मेदारी सौंपी। हालिया जिला अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह बग्गेके पिप्पल ने जीरा को अपना पदभार सौंप दिया है। अब उम्मीद है कि फिरोजपुर भाजपा की गुटबाजी खत्म करने की दिशा में नई पहल का सकारात्मक परिणाम सामने आएगा।
इस बदलाव के बाद अपने आप को पुराने नेता कहलाने वाले उपेक्षित नेताओं के चेहरे लटके हुए हैं, वहीं भाजपा नेता प्रवीन बाली (गौरक्षा दल के जिला प्रधान), बस्ती टैंकां वाली के मोहित चोपड़ा, अमित चोपड़ा, आबाद राम, गुरजीत सिंह और अन्य कर्मठ नेताओं ने जीरा की नियुक्ति पर खुशी जताई है। बाली ने खुद जीरा का मुंह मीठा करवाकर उन्हें बधाई दी है।
जीरा ने कहा-प्रदेश में जंगलराज, खुद सरकार की नहीं सुनती पुलिस
उधर, शब्द चक्र न्यूज के साथ बात करते हुए भाजपा के नए जिला अध्यक्ष अवतार सिंह जीरा ने कहा है कि वह पार्टी के संगठन को मजबूत करने के लिए दिन-रात एक कर देंगे। सबसे बड़ी चुनौती उनके सामने किसान आंदोलन के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में भाजपा को हुए नुकसान की भरपाई करना होगी। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनकल्याणकारी नीतियों से खासे प्रभावित हुए हैं और अब इन नीतियों को जन-जन तक पहुंचाना ही उनका मुख्य उद्देश्य होगा। इसके दूसरी तरफ उन्होंने पंजाब की मौजूदा आम आदमी पार्टी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि यह लाला लोगों की सरकार है। आम आदमी के हक से किसी को कोई लेना-देना नहीं है। प्रदेश में इस वक्त हालात इतने बुरे हो चुके हैं कि लोग सड़कों पर निकलने से करतराने लग गए हैं। सरेआम लूटपाट और दूसरे अपराध होते हैं। प्रदेश की पुलिस सरकार की ही नहीं सुनती तो आम जनता की यह क्या सुनेगी, आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं। भाजपा इस जबर-जुल्म के खिलाफ डटकर मुकाबला करेगी।
…पत्र में देखें और किसे क्या जिम्मेदारी मिली