राजधानी दिल्ली के सरकारी गैस्ट हाउस UP भवन में यौन उत्पीड़न, Model ने कहा-कॅरियर बिगाड़ने की धमकी दी नेता ने; राजवर्धन सिंह परमार पर FIR दर्ज
- पुलिस जांच में सामने आया-बड़े अधिकारी के नाम पर खोला था कर्मचारियों ने कमरा नंबर-122, उत्तर प्रदेश सरकार ने 3 को सस्पैंड किया
- राजवर्धन ने पूछा-कुछ गलत हुआ तो महिला ने उसी वक्त गैस्ट हाउस के रिसैप्शन पर ये बात क्यों नहीं बताई? नशामुक्ति कार्यक्रम में साथ क्यों गई?
नई दिल्ली. नेताओं पर यौन उत्पीड़न के दो मामले निपटे नहीं हैं कि अब एक और नया पंगा खड़ा हो गया। इस बार उंगली महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार पर उठी है। आरोप है कि उसने नितिन गडकरी के साथ मुलाकात करवाने के नाम पर एक मॉडल को राजधानी दिल्ली स्थित UP भवन में बुलाकर उसका यौन शोषण किया है। इस संबंध में नेता परमार के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है, वहीं 3 कर्मचारियों को सस्पैंड भी कर दिया गया है। दूसरी ओर आरोपी नेता परमार ने फेसबुक के जरिये सफाई दी है और कहा है कि वह नार्को टैस्ट के लिए तैयार हैं। आइए, इस मामले को जरा तफसील से जानते हैं…
दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में दर्ज FIR के मुताबिक पेशे से मॉडल एक महिला ने बताया है, ‘मेरी पहली बार उससे मुलाकात 25 मई 2023 को दिल्ली के विट्ठल भवन पटेल चौक के कैफे कॉफी शॉप में हुई। उसने मुझे 26 मई को भी इसी भवन पर बुलाया और यह कहकर यूपी भवन ले गया कि चलो आपको वहां नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह से मिलवाता हूं। जब मैंने रूम में जाकर देखा, तो वहां कोई नहीं था। अंदर से लॉक लगाकर राजवर्धन सिंह परमार ने वेट करने के लिए कहा कि कुछ देर में दोनों नेता आ रहे हैं। उसके बाद मीटिंग हो जाएगी। इस दौरान आरोपी बाथरूम गया। वहां कपड़े उतार कर बाहर आया और मेरे सामने खड़ा हो गया। मैंने भागने की कोशिश की, तो जबरदस्ती करने लगा। मुझे धमकी देने लगा कि तुम्हारा करियर बना दूंगा और एक मिनट में बिगाड़ भी दूंगा’।
मुकदमा दर्ज करके पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अभी तक की जांच के मुताबिक उस दौरान वहां पर मौजूद कर्मचारियों से राजवर्धन ने कहा था कि किसी बड़े अधिकारी के लिए कमरे की जरूरत है। इस पर वहां मौजूद कर्मचारियों ने कमरा नंबर-122 खोला था। पुलिस ने फोरैंसिक टीम को बुलाकर 122 नंबर कमरे की जांच कराई। फिलहाल अगले आदेश तक कमरे को बंद कर दिया गया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कार्रवाई की है। यूपी भवन में कार्यरत 3 लोगों दिनेश कारुष, राकेश चौधरी और पारस को सस्पैंड कर दिया गया है। अब भवन की जिम्मेदारी राजीव तिवारी को दी गई है।
पुलिस में दी गई शिकायत के मुताबिक आरोपी नेता राजवर्धन सिंह ने खुद को भारतीय जनता पार्टी का नेता और राजनाथ सिंह को अपना ताऊ बताया है। दूसरी ओर, खुद को महाराणा प्रताप सेना का राष्ट्रीय अध्यक्ष बता रहे आरोपी नेता राजवर्धन सिंह परमार ने इस पूरे प्रकरण के संबंध में फेसबुक पर लाइव आकर सफाई दी है। अपने संगठन के नोटपैड पर रिलीज जारी किया है। आरोपी नेता ने दावा किया है कि उसको फंसाया जा रहा है। राजवर्धन सिंह परमार ने मीडिया को बताया, ‘26 मई को दिल्ली में एक नशामुक्ति कार्यक्रम था। मैं घर से निकला और विट्ठल भाई पटेल हाउस पर पहुंचा। यहां वह महिला मिली थी। उन्हें भी इसी कार्यक्रम में जाना था। वह मेरी गाड़ी में बैठ गईं। उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे भूख लगी है। मैंने ड्राइवर को बोलकर गाड़ी UP भवन पर लगा ली। वहां मैंने 2 लस्सी ऑर्डर की। लस्सी आने में देरी होने पर हम वहां से बिना कुछ खाए-पीए निकल गए। इसके बाद हम दोनों नशा मुक्ति कार्यक्रम में शामिल हुए। फिर अपने गंतव्य को निकाल गए। कुछ देर बाद उस महिला ने मुझे वॉट्सऐप कॉल किया और 50 हजार रुपए मांगे। रुपए न देने पर मुझे रेप केस में फंसाने की धमकी दी और कॉल कट गई। मुझ पर लगे आरोप झूठे हैं। मैं हर प्रकार की जांच और नार्को टेस्ट तक के लिए तैयार हूं। दिल्ली पुलिस ने मुझसे इस केस में अभी तक कोई संपर्क नहीं किया है’।
राजवर्धन सिंह का यह भी कहना है, ‘मैं उस महिला से 25 मई को पहली बार मिला और एक दिन बाद ही 26 मई को उसने मुझ पर आरोप लगा दिए। अगर कुछ गलत हुआ तो महिला ने उसी वक्त यूपी भवन के रिसैप्शन पर ये बात क्यों नहीं बताई? वह नशामुक्ति कार्यक्रम में साथ क्यों गई? दिल्ली पुलिस इस केस की निष्पक्ष जांच करे’।