Heinous Crime: 8 साल में 15 जगह बिकी 13 साल की लड़की; दुल्हन के रूप में हर जगह इतने लाख में होता था सौदा
अहमदाबाद. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज में देशभर में जब भी विकास की बात होती है, गुजरात मॉडल ही जनता के सामने रखा जाता है। इसके उलट गुजरात में आर्थिक और मानसिक पिछड़ेपन की एक हैरान कर देने वाली दास्तां सामने आई है। जानकर सांस ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे रह जाएगी कि यहां एक लड़की पिछले 8 साल में एक-दो नहीं, बल्कि पूरी 15 जगह बेची जा चुकी है। गजब की बात तो यह भी शर्मनाक है कि इस वक्त इस लड़की की उम्र सिर्फ 13 साल बताई जा रही है। अब यह मानसिक दिवालीयापन नहीं तो और क्या है? एक ओर देश की सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देती नहीं थक रही, वहीं जिस उम्र में इसके हाथ में गुड्डे-गुड़िया या जिंदगी का अ-ब सीखने के लिए किताब होनी चाहिए थी, उसी उम्र में इसे दुल्हन के तौर पर देखा जाने लगा। हद कर दी, देह के सौदागरों ने।
रैकेट का खुलासा तब हुआ, जब मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने पता लगाया कि एक किशोरी 11 मई को अहमदाबाद जिले के कानभा गांव से लापता हो गई थी। इसके बाद 13 मई को गांधीनगर के बोरू गांव से उसको रैस्क्यू किया गया। पुलिस ने मानव तस्करी रैकेट के कथित मास्टरमाइंड अशोक पटेल, उसकी 45 वर्षीय रेणुका, उसके 16 वर्षीय बेटे और 34 वर्षीय रूपल मेकवान नाम की महिला के बारे में पता चला, जो शहर के ओधव इलाके के रहने वाले हैं। पुलिस ने उनके अन्य साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया। इनमें 50 वर्षीय मोती सेनमा, 70 वर्षीय अमरतजी ठाकोर और 34 वर्षीय चेहर सिंह सोलंकी शामिल है। गिरोह द्वारा कथित तौर पर तस्करी की गई नाबालिग लड़कियों में से 8 का अभी तक पता नहीं चल पाया है। हालांकि पुलिस का कहना है कि यह संख्या अभी और बढ़ सकती है।
एक रिपोर्ट में पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान इन 8 लड़कियों में से एक लड़की को पिछले 8 साल में शादी के लिए 15 पुरुषों को बेचे जाने की जानकारी सामने आई है, जिनकी उम्र 30-45 साल के बीच थी। गैंग कथित तौर पर लड़कियों के दो लाख से ढाई लाख रुपए के बीच बेचते थे। रैकेट के कथित मास्टरमाइंड अशोक पटेल ने गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में उसके सहयोगियों ने बच्ची का इस्तेमाल करते हुए करीब 15 अन्य लड़कियों को उन जगहों से अगवा किया और फिर उन्हें बेच दिया। पुलिस अब उस बच्ची की तलाश कर रही है, जो आरोपी के खिलाफ अपना बयान दर्ज कराने के लिए गिरोह की पहली पीड़ितों में से एक है।