फिरोजपुर के DC की बीवी पर FIR दर्ज; आरोप-राजेश धीमान की GMADA में तैनाती के वक्त फर्जी तरीके से लिया 1.17 करोड़ का मुआवजा
- राजेश धीमान की पत्नी जसमीन कौर के नाम पर बाकरपुर में दिखाया गया था 2 एकड़ का अमरूद का बाग, कई और बड़े अफसरों के नाम भी शामिल
- आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विजिलैंस की टीमों ने चंडीगढ़, बठिंडा, होशियारपुर, मोहाली समेत कई जगह मारे छापे, अब तक 7 लोग हुए गिरफ्तार
राजेश मेहता/मनीष रोहिल्ला, फिरोजपुर
पंजाब से एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। सरहदी जिले फिरोजपुर के उपायुक्त राजेश धीमान समेत सूबे के कई बड़े अफसर विजिलैंस ब्यूरो के राडार पर आ गए हैं। पता चला है कि फिरोजपुर के उपायुक्त (DC Firozpur) राजेश धीमान ने बीते वर्षों अपनी बीवी के नाम पर फर्जी तरीके से अपनी पत्नी के नाम बाग दिखाकर 1 करोड़ 17 लाख 56 हजार रुपए का मुआवजा ले लिया। राजेश धीमान की पत्नी जैसमीन के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, वहीं पंजाब के विभिन्न इलाकों में विजिलैंस की तरफ से छापेमारी का दौर जारी है। अब आगे क्या होगा, यह तो आने वाले वक्त में होने वाली जांच ही बता पाएगी।
मामला राजधानी चंडीगढ़ से सटे ग्रेटर मोहाली एरिया डैवलपमैंट ऑथोरिटी (GMADA) से जुड़ा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2016 से 2020 के बीच ग्रेटर मोहाली एरिया डैवलपमेंट ऑथोरिटी (GMADA) में तैनाती के दौरान पंजाब के कई अफसरों ने अपने पत्नियों के नाम पर करोड़ों का मुआवजा ले लिया। बागवानी और राजस्व विभाग के अफसरों और कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन एक्वायर करने के दौरान करोड़ों का मुआवजा लेने के इस घालमेल में प्रॉपर्टी डीलर, चार्टर्ड अकाउंटैंट (CA) और GMADA के अफसरों के नाम शामिल हैं। इन्हीं में से एक नाम फिरोजपुर के उपायुक्त की कुर्सी पर बैठे राजेश धीमान का भी है। राजेश धीमान भी हैं, जो ग्रेटर मोहाली में जमीन के अधिग्रहण के वक्त GMADA के एक बड़े ओहदे पर तैनात थे। दर्ज एफआईआर के अनुसार राजेश धीमान की पत्नी जसमीन कौर के नाम पर बाकरपुर में 2 एकड़ का बाग दिखाकर 1 करोड़ 17 लाख 56 हजार रुपए का मुआवजा ले लिया गया।
इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद विजिलैंस ब्यूरो ने घोटाले में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए 6 टीमों का गठन किया है। इन टीमों ने शुक्रवार को चंडीगढ़, बठिंडा, होशियारपुर, मोहाली समेत कई जगह छापे मारे। इस मामले की जांच में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि राजस्व और बागवानी विभाग के कर्मचारियों के घरों पर भी दो टीमों ने छापा मारा है। अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य की गिरफ्तारी भी जल्द की जाएगी।
उधर, शब्द चक्र न्यूज के सूत्रों की मानें तो GMADA के अफसरों को इस बात की पूरी जानकारी थी कि किस भूभाग का किस वक्त अधिग्रहण किया जाना है। साथ ही संबंधित विभाग के अफसर जानते थे कि सबसे जल्दी अमरूद का पौधा बड़ा होता है और अगले 20 साल तक का मुआवजा मिलना तय है। ऐसे में फर्जी तरीके से पहले ही पत्नियों के नाम पर खरीदकर वहां अमरूद के बाग रिकॉर्ड में दिखा दिए गए और 20 साल का बनता करोडों का मुआवजा लिया गया।