कत्ल हो गया केजरीवाल की Security में तैनात हैड कॉन्स्टेबल; बीवी को मरवाना चाहता था, तांत्रिक ने उसी को मार डाला
नई दिल्ली/मेरठ. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सुरक्षा में तैनात दिल्ली पुलिस के मुख्य आरक्षी (Head Constable) की तलाश खत्म हो गई है। पता चला है कि 1 महीना पहले ही उसका कत्ल हो चुका है। कत्ल भी किसी और ने नहीं, बल्कि उस शख्स ने किया, जिससे वह अपनी बीवी को मरवाना चाहता था। बहरहाल, उत्तर प्रदेश पुलिस की मेरठ टीम ने पुलिस वाले के कत्ल के आरोपी तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया है। अब हर कोई जाना चाहेगा कि तांत्रिक ने ऐसा क्यों किया तो इसके लिए पढ़ें शब्द चक्र न्यूज का यह पूरा न्यूज आर्टिकल…
बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर तैनात सरधना थाना क्षेत्र के गांव पोहल्ली का रहने वाला दिल्ली पुलिस का हैड कांस्टेबल गोपीचंद पुत्र नत्थन सिंह 26 मार्च से लापता था। हालांकि गोपीचंद 8 अप्रैल तक की छुटटी पर था। 26 मार्च को घर से बाहर निकलने के बाद वापस नहीं लौटा। 12 अप्रैल को उसकी मोटरसाइकल हस्तिनापुर के नजदीकी गांव सिरजेपुर के समीप गंगा से मिली तो आशंका कत्ल की हुई। शुक्रवार को मेरठ की सरधना पुलिस ने गोपीचंद के कत्ल के राज से पर्दा उठा दिया। पता चला है कि हस्तिनापुर में गंगा किनारे विदुर धाम आश्रम में रहते तांत्रिक ने गोपीचंद की लकड़ी काटने वाले दांव से गर्दन काटकर हत्या कर दी। उससे खून से सना हुआ कुर्ता, कत्ल में इस्तेमाल दांव बरामद कर लिए गए हैं।
पुलिस के अनुसार गोपीचंद का करीब एक साल से फतेहपुर के सिमौर थाना क्षेत्र के हुसैनगंज गांव के रहने वाले गणेशानंद के पास आना-जाना था। शुरुआत में ही 6 से 7 लाख में सौदा तय हो गया था। इसके बाद गोपीचंद ने 24 मार्च को एक लाख, अगले दिन 90 हजार आरोपी गणेशानंद के खाते में ऑनलाइन जमा कराए। 26 मार्च को वह डेढ़ लाख रुपये लेकर उसके पास गया था। इससे पहले जांच में सामने आया कि ढाई लाख रुपए आरोपी के पास जा चुके थे, लेकिन काम ना होने पर आरोपित ने रुपए वापस मांगने के डर से गोपीचंद को रास्ते से हटा दिया। सरधना थाना के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि गणेशानंद ने गोपीचंद के साथ सिरजेपुर के श्मशान में तंत्र क्रिया की थी। श्मशान से बूढ़ी गंगा में शव को बहा दिया गया। गोपीचंद नहीं चाहता था कि किसी को पता चले कि वह आश्रम में भी जाता है। ऐसे में हस्तिनापुर सीमा में प्रवेश से पहले मोबाइल बंद कर देता था।
गिरफ्तार किए गए आरोपी गणेशानंद ने बताया कि गोपीचंद ने तंत्र क्रिया से पत्नी की हत्या करवाने के लिए साढ़े 4 लाख रुपए दिए। 26 मार्च को भी डेढ़ लाख की नकदी और बलि देने के लिए मुर्गा लाने को कहा तो गोपीचंद मोटरसाइकल लेकर आश्रम में पहुंच गया। गणेशानंद की मानें तो वह तंत्र क्रिया से गोपीचंद की पत्नी की हत्या नहीं कर सकता था। दूसरी तरफ से उसे डेढ़ लाख रुपए की जरूरत थी, इसलिए उसने ध्यान बंटाने के लिए पहले मुर्गे की बलि दी। उसके बाद गोपीचंद की गर्दन काट दी और लाश का गंगा नदी में फैंक दिया। गणेशानंद का कहना है कि यदि गोपीचंद की हत्या नहीं करता तो वह पहले दी गई साढ़े चार लाख की रकम वापस मांगता। साथ ही डेढ़ लाख और भी नहीं देता।