खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं सरहदी शहर फिरोजपुर की 29 अवैध कॉलोनियों में प्लॉट खरीद चुके लोग; अब ऐसे मिल सकती है राहत
- 31 मार्च को हो सकती है पंजाब सरकार के हाउसिंग एंड अर्बन डैवलपमैंट डिपार्टमैंट की अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी
- विभागीय सूत्रों का इशारा-सेल डीड और अन्य दस्तावेजों के आधार पर लोग ऑनलाइन ले सकेंगे प्रॉपर्टी पर NOC
- 19 मार्च 2018 से 31 दिसंबर 2022 तक अवैध कॉलोनियों में हुई रजिस्ट्रियों की जांच के बाद होगी बनती कार्रवाई
राजेश मेहता/फिरोजपुर
हर आदमी की तीन मूल जरूरत होती हैं, रोटी-कपड़ा और मकान। सारी जिंदगी गुजर जाती है इसी में, लेकिन बहुत से लोगों के पास उस वक्त पछताने के सिवाय कुछ नहीं बचता, जब पता चलता है कि अपनी गाढ़ी कमाई और जमापूंजी लगाकर खरीदी गई छत अवैध कॉलोनी में है। न तो इन्हें बिजली-पानी के कनैक्शन मिल पाते हैं और न ही इस जगह की रजिस्ट्री हो सकती है। इन सबके बिना इस मकान का आगे बेचना तो नामुमकिन ही हो जाता है। सरहदी शहर फिरोजपुर में भी 6 हजार लोगों की ऐसी ही ‘धोबी का कुत्ता घर का न घाट का’ वाली कंडीशन है। हालांकि अब इन लोगों को उम्मीद है कि इनकी उम्मीदों पर लगे अवैध कॉलोनी नामक ग्रहण के खत्म होने का वक्त आ गया है। पंजाब सरकार के हाउसिंग एंड अर्बन डैवलपमैंट डिपार्टमैंट की तरफ से एक नई पॉलिसी तैयार की गई है। जैसे ही नोटिफिकेशन हो जाएगा, फिर लोग इस पॉलिसी का फायदा उठा सकते हैं।
गौरतलब है कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर 19 मार्च 2018 को पंजाब में अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्रियों पर पाबंदी लगा दी गई थी। इसी के चलते फिरोजपुर में ऐसी ही 29 कॉलोनियों में प्लाट खरीद चुके 6 हजार लोग शामिल हैं। नगर कौंसिल से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी नहीं होने के कारण बरसों से इनकी रजिस्ट्री भी नहीं हो सकी है और बाकी की सुविधाएं तो खुद रजिस्ट्री पर टिकी होती हैं। इन लोगों को न बिजली का कनैक्शन मिल पा रहा है, न पीने के लिए पानी मिल पा रहा है और न ही घर के वेस्टेज को निकालने के लिए सीवरेज कनैक्शन का कोई इंतजाम हो रहा है। और तो और बहुत से लोगों को जगह खरीद लेने के बाद इस पर दीवारें खड़ी करके इसे घर का रूप देने के लिए लोन का भी जुगाड़ नहीं हो रहा है। परेशान लोगों ने इस संबंध में उपयुक्त कदम उठाकर उन्हें राहत देने की मांग प्रदेश की सरकार से की थी।
अब इस मांग पर गौर करते हुए प्रदेश की भगवंत मान सरकार ने एक नई नीति तैयार की है। माना जा रहा है कि हाउसिंग एंड अर्बन डैवलपमैंट डिपार्टमैंट की अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी 31 मार्च को लागू हो सकती है। इसके बाद अवैध कॉलोनी के प्लॉट को वैध करवाया जा सकेगा। विभागीय सूत्रों की मानें तो सेल डीड और अन्य दस्तावेजों (जिनसे साबित हो कि उसने प्लॉट खरीदा हुआ है और अभी इसकी रजिस्ट्री नहीं हो पाई है) के आधार पर प्लॉट को रैगुलराइज कराया जा सकेगा। इसके लिए विभाग की तरफ से लोगों को ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा दी जाएगी और NOC भी पोर्टल पर ही मिलेगा। इस पॉलिसी को लेकर सूत्रों का तो यहां तक भी कहना है कि 19 मार्च 2018 से 31 दिसंबर 2022 तक अवैध कॉलोनियों में हुई रजिस्ट्रियों की जांच भी होगी।
इन्हीं संभावनाओं के बीच अब फिरोजपुर शहर की भी ऐसी 29 अवैध कॉलोनियों में प्लॉट खरीद चुके लगभग 6 हजार लोगों को राहत मिलने की उम्मीद बंधी है। साथ ही फर्जीवाड़ा करके रजिस्ट्रियां करवाने वाले लोगों और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई किए जाने के संकेत मिल रहे हैं। यह अलग बात है कि जब तक इस पॉलिसी का नोटिफिकेशन नहीं हो जाता, ये सिर्फ संभानाएं हैं।