भीलवाड़ा : राजस्थान के बहुचर्चित कोटड़ी गैंगरेप और उसके बाद पीड़िता को कोयले की भट्ठी में डालकर जिंदा जला दिए जाने के कांड में सोमवार को बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले दो सगे भाइयों को सजा-ए-मौत का हुक्म सुनाया है। हालांकि इस खौफनाक वारदात के 9 आरोपियों को कोर्ट ने सबूतों की कमी के चलते बरी भी कर दिया। इस मामले में खास बात यह रही कि कोर्ट में डे-टू-डे सुनवाई हुई। उधर, अब इस मामले को राजस्थान की सरकार ने हाईकोर्ट में ले जाने का फैसला किया है।
2 अगस्त 2023 की है यह खौफनाक घटना
मानवीय संवेदनाओं को हिला देने वाली यह खौफनाक घटना 2 अगस्त 2023 की है। पोक्सो कोर्ट के स्पैशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर महावीर सिंह किशनावत के मुताबिक राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के कोटड़ी में 17 साल की एक लड़की बकरियां चराने गई थी। वहां टपरिया बनाकर रहने वाले दो युवक कालू और उसके भाई कान्हा ने लड़की के साथ सामूहिक रूप से दुराचार किया। इस राज से पर्दा तब उठा था, जब खोजबीन के दौरान 3 अगस्त 2023 को लड़की की लाश पास ही कोयला तैयार करने वाली एक भट्टी से बरामद की गई थी। पता चला कि दुराचार के विरोध के चलते लड़की के सिर पर लाठी मारी गई और मुंह दबा दिया गया। इसी दौरान सांसें थम गई तो मरी समझकर खेत से उठा डेरे में ले आए। अंधेरा होने के बाद कोयले भट्टी में जिंदा जला दिया।
इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ मुकदमा चला, जिनमें से तीन बाल अपचारी थे। पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ एक माह में चालान पेश किया। सबूतों के तौर पर एफएसएल समेत कई रिपोर्टों को शामिल किया गया। इसके बाद इस मामले की डे-टू-डे सुनवाई हुई, जिस दौरान शनिवार को बाकी को सबूतों की कमी के चलते बरी कर दिया और कान्हा-कालू को दोषी करार दिया था। इन दोनों की सजा पर फैसला सोमवार को आना तय किया गया था।
कोर्ट में फूट-फूटकर रोए मृतका के माता-पिता
सोमवार दोपहर 12.30 बजे जस्टिस अनिल कुमार गुप्ता की अध्यक्षता वाली भीलवाड़ा की पोक्सो कोर्ट नंबर 2 ने दूनी (देवली) हाल तस्वारिया निवासी कालू पुत्र रंगनाथ कालबेलिया और उसके भाई कान्हा नाथ को फांसी की सजा सुनाई है। दरअसल, इस सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में मौजूद दरिंदगी की भेंट चढ़ चुकी लड़की के माता-पिता फफक-फफककर रो पड़े। उन्होंने जज से कहा-जज साहब यह बेटी आपकी है। आप इन दरिंदों को फांसी की सजा सुनाएं।
मुकदमे के दौरान राजस्थान सरकार की ओर से 43 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। इनमें से 42 गवाहों ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों की पुष्टि की। अब कालू और कान्हा के अलावा बाकी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिए जाने के कोर्ट के फैसले के खिलाफ राजस्थान की भजन लाल शर्मा सरकार हाईकोर्ट में अपील करेगी।