हिमाचल के लोगों को आई 1905 के भूकम्प की याद; दमकल विभाग ने बड़ी मुश्किल से किया लोगों को रैस्क्यू
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राजेन्द्र ठाकुर/चम्बा
‘हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर लोगों ने 1905 के कांगड़ा भूकम्प के बारे सिर्फ अपने बड़े-बुजुर्गों से सुना था। गुरुवार को लोग एक बार फिर दहल गए। नजारा एकदम भयावह था। भूकम्प के तेज झटकों की वजह से आज हिमाचल प्रदेश की धरती डोली। गनीमत रही कि जानी नुकसान नहीं हुआ, क्योंकि वक्त रहते आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के जांबाज स्टाफ ने घायल लोगों को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचा दिया’। असल में यह नजारा था 1905 के कांगड़ा भूकंप की बरसी का, जिस दौरान लोगों को राहत कार्यों की जानकारी देने के लिए एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
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जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में गुरुवार को भूरि सिंह संग्रहालय में भूकंप की स्थिति पर आधारित मॉक ड्रिल में चम्बा के एसडीएम अरुण कुमार शर्मा विशेष रूप से मौजूद रहे। उन्होंने सभी को आपदा प्रबंधन में अपनी सहभागिता सुनिश्चित बनाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों का उद्देश्य प्राकृतिक आपदा एवं जोखिम के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि आपदाओं से निपटने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है-जागरूक बनकर जानकारी प्राप्त करना और सावधान रहना।
इससे पहले सुबह भूकम्प मॉक ड्रिल शुरू की गई। इसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी हितधारक विभागों और आपदा प्रबंधन दलों ने स्टेजिंग एरिया में एसडीएम अरुण शर्मा की अगुवाई में राहत एवंं बचाव कार्य से संबंधित प्रक्रिया का संचालन शुरू किया। भूकम्प के बाद संग्रहालय में फंसे हुए लोगों को अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों ने सफलतापूर्वक रैस्क्यू किया। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने प्राथमिक उपचार के बाद एंबुलैंस के माध्यम से घायलों को मैडिकल कॉलेज चम्बा भिजवाया। मॉक ड्रिल के बाद अग्निशमन कर्मचारियों सहित स्वास्थ्य विभाग की ओर से चिकित्सक ने लोगों को विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारी दी।