नई दिल्ली. म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में भारत के बढ़ते रसूख का नमूना देखने को मिला है। ये कम गर्व की बात नहीं कि अपने आप को महाशक्ति कहलाने वाले अमेरिका ने अपने धुरविरोधी रूस को मनाने के लिए भारत के सामने गुहार लगाई है। दरअसल, अमेरिका रूस की नई चाल से काफी घबराया हुआ है। आखिर क्या है ये पूरा मसला, आइए जानते हैं…
गौरतलब है कि भारत और रूस, खासकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के संबंधों से पूरी दुनिया परिचित है। इन्हीं संबंधों की अहमियत समझते हुए अब अमेरिका ने रूस को मनाने के लिए भारत से अपील की है। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, म्यूनिख में चल रहे सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। ब्लिकंन के मुताबिक अमेरिका चाहता है कि भारत अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रूस को अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात न करने के लिए मनाए।
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अंतरिक्ष में हथियार सैटल करने की तैयारी में है रूस
इसी के साथ यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि साल 2022 में यूक्रेन पर हमले के दौरान रूस ने मिलिट्री सैटेलाइट लॉन्च किया था. अमेरिकी खुफिया एजेंसियां रूस की अगली रणनीति का पता लगाने में जुटी हैं। महीनों की छानबीन के बाद आखिरकार अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को पता चल गया कि रूस एक और लॉन्चिंग की तैयारी कर रहा है, जिसके जरिये अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात करना संभव हो सकेगा। खुफिया एजेंसियों की मानें तो रूस के ऐसा करने पर 50 साल से भी ज्यादा पुराने आउटर स्पेस ट्रिटी (1967) का उल्लंघन होगा।
होगा ये नुकसान
इसके अलावा जहां तक नुकसान की बात है, इससे स्पेस में हजारों की तादाद में तैनात सैटेलाइट के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है। दुनियाभर के देशों का एक-दूसरे से संपर्क टूट सकता है। अब इसी दिशा में बात करते हुए म्यूनिख में एस. जयशंकर के साथ मुलाकात में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अंतरिक्ष में परमाणु बम का विस्फोट होने से सिर्फ अमेरिका नहीं, बल्कि के पूरी दुनिया प्रभावित होगी। भारत और चीन के उपग्रहों पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा. भविष्य में प्रक्षेपित किए जाने वाले उपग्रहों के लिए भी समस्या उत्पन्न होगी।