पानीपत. हरियाणा के पानीपत में गुरुवार को दो पुलिस वाले बीच सड़क भिड़ गए। एक रिश्वतखोर असिसटैंट सब इंस्पैक्टर था तो दूसरा ईमानदार हैड कॉन्स्टेबल। यह वही हैड कॉन्स्टेबल है, जो पिछले महीने एक पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के मुंह पर टेप लगा चुका है। मिली जानकारी के अनुसार बाबरपुर ट्रैफिक थाने में तैनात हैड कॉन्स्टेबल आशीष कुमार गुरुवार को शहर के TDI पुल के पास वाहन चालकों से रिश्वत ले रहे पुलिसकर्मियों का स्टिंग ऑपरेशन करने पहुंचे थे। इसी बीच वहां तैनात ASI की नजर पड़ी तो उसने हंगामा शुरू कर दिया। ASI ने आशीष का वीडियो बनाना शुरू कर दिया। आशीष ने रिश्वत लेने का आरोप लगाया तो ASI तैश में आ गया और बीच सड़क ही मारपीट पर उतर आया। 13 मिनट के भीतर ASI ने आशीष पर 3 बार हाथ उठाया। आशीष और उसकी पत्नी को भी रिश्वतखोर बताते हुए कई आरोप लगाए। इतना ही नहीं आशीष को जबरन पुलिस की जिप्सी में बिठाकर हिरासत में भी लेने की कोशिश की। आखिर बेइज्जती करवा चुका ASI अपनी टीम के साथ मौके से भाग गया।
इस संबंध में आशीष ने सैक्टर 13-17 थाने की पुलिस को शिकायत दी है कि काफी समय से थाने की बोलेरो गाड़ी वाली टीम द्वारा अवैध वसूली की सूचना के बाद वह TDI पुल के पास पहुंचा था। वहां EASI मुकेश और उसके साथी सिपाही ने कई ट्रैक्टरों और दूसरी गाड़ियों को रोका हुआ था। विरोध करने पर दोनों गाली-गलौज और मारपीट पर उतर आए। लोगों की भीड़ बढ़ती देख दोनों मौके से भाग गए। इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
उधर, इस मामले में उल्लेखनीय पहलू यह भी है कि महीनेभर पहले एक ही दिन में फर्जी आईडी कार्ड के 10 मामले पकड़ चुके हैं। इनमें से हरियाणा पुलिस महानिदेशक (DGP Haryana) की सिफारिश वाले एक व्यक्ति का 10 हजार रुपए का चालान किया था तो DSP के आईडी कार्ड की फोटोकॉपी उसके बेटे को इस्तेमाल करते पकड़ने के बाद DSP जेल को ड्यूटी वाली जगह पर ही कैदी बनाने की धमकी देकर उसकी बोलती बंद कर दी थी। इसके बाद हैड कॉन्स्टेबल आशीष कुमार को लाइन हाजिर किया गया, लेकिन गृहमंत्री अनिल विज के आदेश पर बहाल भी कर दिया गया था। गृह मंत्री ने कहा था कि जाकर ड्यूटी करो, कोई रोके तो कह देना HM का आदेश है।