- एजैंटों के जरिये भोले-भाले लोगों को मदद का झांसा देकर फांसते हैं अवैध फाइनैंसर, एडवांस में ब्लैंक चैक साइन करवाकर हर महीने वसूलते हैं 5 से 10 पर्सैंट का मनमाना ब्याज
- विरोध में आवाज उठाने वाले को दी जाती हैं कत्ल करने तक की धमकियां; SP-D रणधीर कुमार ने कहा-बेखौफ पुलिस से संपर्क करें पीड़ित लोग, पूरा इंसाफ मिलेगा
फिरोजपुर. पंजाब, खासकर मालवा के सरहदी इलाके में सूदखोरों ने आतंक मचा रखा है। शहीदों का शहर कहलाने वाला फिरोजपुर भी इससे अछूता नहीं है। यहां गली-मोहल्लों और बाजारों में गैरकानूनी फाइनैंसर डंके की चोट पर आर्थिक आतंकवाद फैलाने में जुटे हैं। ये आम लोगों (पैसे के जरूरतमंद) की मजबूरी का फायदा उठाकर मनमाने ढंग से ब्याज वसूलते हैं। इनका आतंक इतना फैल चुका है कि बहुत से लोग बेघर हो जा रहे हैं तो कई अपनी जिंदगी तक से ही हाथ धो बैठे हैं। जहां तक आर्थिक आतंकवाद के इतना फूलने-फूलने की वजह की बात है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि इन्हें पुलिस विभाग की कुछ काली भेड़ों और राजनेताओं का वर्दहस्त प्राप्त है। इसी रसूख का फायदा उठाकर आर्थिक आतंकवादियों ने वसूली के लिए गुंडे भी पाल रखे हैं। तंग आ चुके इलाके के लोगों की स्थानीय पुलिस प्रशासन और प्रदेश की आम आदमी पार्टी सरकार से मांग है कि इस आर्थिक आतंकवाद से निजात दिलाई जाए, ताकि गरीब-मजबूर लोग दो वक्त की रोटी सुख से खा सकें।
ध्यान रहे, पाकिस्तान की सरहद से सटे पंजाब के विभिन्न जिलों जैसे पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, फिरोजपुर, फाजिल्का और फरीदकोट आदि में नशे के कारोबार और आतंकवादी साजिशों का खतरा लगातार बना रहता है। शायद ही कोई दिन होगा, जब सीमा पार से नशे की तस्करी के मामले सामने नहीं आते। एक ओर पुलिस लाख दावों के बावजूद नशे के कारोबार को नकेल कसने में नाकाम सी नजर आ रही है, वहीं एक और नया खतरा सरहदी इलाके की जिंदगी पर मंडरा रहा है। यहां, खासकर फिरोजपुर शहर और छावनी में गैरकानूनी फाइनैंसर एकदम बेखौफ होकर लोगों की जिंदगियों से खेल रहे हैं।
बिना किसी लाइसैंस के धंधा कर रहे ये लोग आर्थिक आतंकवादी की श्रेणी में आकर खड़े हो चुके हैं, क्योंकि सैकड़ों की संख्या में छोटे दुकानदार, नशेड़ी, जुआरी और गरीब तबके की आम जनता इनके मकड़जाल में फंसती जा रही है। पहले ये आर्थिक आतंकवादी अपने एजैंटों के जरिये भोले-भाले आम आदमी को मदद का झांसा देकर फांसते हैं। फिर उनसे एडवांस में ब्लैंक चैक साइन करवाकर रख लेते हैं और हर महीने मनमाना ब्याज वसूलते हैं। एकदम मुंह देखवां थप्पड़ की तरह 5 से 10 प्रतिशत की सूदखोरी ये लोग कर रहे हैं। जिनसे उधारी चुकाई नहीं जाती, उन्हें घरबार बेचकर शहर से पलायन करना पड़ जा रहा है। बहुत से लोग तो खुदकुशी तक कर जाते हैं, मगर इनका बाल भी बांका नहीं होता।
एक तो उगाही के लिए रखे गए भाड़े के गुंडों की वजह से इन आर्थिक आतंकवादियों का नाम खुले तौर पर सामने नहीं आ पाता और दूसरा बहुत से लोगों को दबी जुबान में यह भी कहते सुना जा सकता है कि इन्हें कुछ राजनैतिक पार्टियों के नेताओं और पुलिस विभाग में सरगर्म काली भेड़ों का आशीर्वाद हासिल है। इन्हीं सब के दम पर गैरकानूनी फाइनैंस के धंधे के खिलाफ उठने वाली आवाजों को कत्ल करने तक की धमकियां भी दे दी जाती हैं।
दूसरी ओर इस संबंध में जब शब्द चक्र न्यूज की तरफ से फिरोजपुर के एसपी डिटैक्टिव रणधीर कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिस किसी को भी गैरकानूनी फाइनैंसरों ने अपने मकड़जाल में फंसा रखा है, वो बिना किसी हिचक के पुलिस विभाग से संपर्क कर सकते हैं। अपनी अपील दायर कर सकते हैं। पीड़ित को पूरा इंसाफ़ दिया जाएगा और जो भी गैरकानूनी तरीके से फाइनैंस का धंधा करता पाया गया, उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। साथ ही कुछ पुलिस वालों की मिलीभगत के बारे में भी अधिकारी रणधीर कुमार ने गहनता से जांच-पड़ताल और फिर उसी आधार पर बनती कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अब देखना ये होगा कि आखिर ये आर्थिक आतंकवाद फिरोजपुर में कितने दिन और गुंडागर्दी दिखाता रहेगा।