Good News: कुर्बानी के बाद ही सही, पर आखिर जीत गया खेदड़ का हक, 108 दिन ऐसे चला आंदोलन
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सुलखनी/खेदड़ (हिसार). हरियाणा के हिसार में स्थित गांव खेदड़ का आंदोलन (Khedar Movement) 108वें दिन पूरा हो गया। हालांकि इस बात का दुख रहेगा कि इस आंदोलन में एक जान की कुर्बानी भी देनी पड़ी। दुनिया से रुखसत हो चुके आदमी को तो वापस नहीं लाया जा सकता, लेकिन अच्छी खबर है कि बुधवार को चंडीगढ़ में उच्च अधिकारियों के साथ आंदोलनकारियों की एकदम शांतिपूर्ण तरीके से बात हुई और प्रशासन ने आंदोलनकारियों की तमाम बातें मान ली हैं।
ध्यान रहे, गांव खेदड़ स्थित राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट (Rajiv Gandhi Thermal Power Plant) की राख उठाने का काम गोशाला को दिए जाने की मांग को लेकर 12 अप्रैल को ग्रामीण यहां पावर प्लांट के गेट पर धरना जमाकर बैठ गए थे। कई बार अहम बैठकें हुई। कई फैसले लिए गए और इन्हीं में से एक फैसला बीती 8 जुलाई को पावर प्लांट को जाती रेलवे लाइन पर बैठकर वहां कोयले की सप्लाई रोक देने का भी हुआ।
इसके बाद जैसे ही आंदोलन की राह पर चलने को मजबूर ये लोग रेलवे लाइन की तरफ बढ़े, भारी तादाद में तैनात पुलिस बल के साथ टकराव हो गया। नौबत लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले तक इस्तेमाल करने की आ गई। खींचतान के उस माहौल में गांव के धर्मपाल नामक एक व्यक्ति की मौत हो गई, वहीं पुलिस और आंदोलनकारी दोनों पक्षों के बहुत से लोग चोटिल भ्री हुए थे। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने जब 10 लोगों को नामजद करते हुए कुल 810 के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज कर लिया और चार को गिरफ्तार भी कर लिया तो ग्रामीणों का गुस्सा और भी बढ़ गया।
13 जुलाई को इस मसले का हल निकला और फैसला हुआ कि राख पर 37 रुपए प्रति टन भराई गौशाला को दिया जाएगा। मशीनें गौशाला कमेटी की रहेंगी। थर्मल प्लांट से खेदड़ गांव को लाइट और पानी दिया जाएगा, 15 दिन में सारे केस वापस लेने की प्रकिया पूरी की जाएगी। थर्मल प्लांट में झुलसे लोगों को ढाई लाख रुपए दिए जाएंगे, सीएम से मीटिंग के बाद डीसी रेट की नौकरी दी जाएगी, मृतक धर्मपाल के परिवार को उचित मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। 4 युवाओं की जमानत के बाद मृतक धर्मपाल का दाह संस्कार किया जाएगा। शुक्रवार को गिरफ्तार चारों युवकों की जमानत हुई और इसके बाद शनिवार दोपहर धर्मपाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
बुधवार को खेदड़ धरना कमेटी के प्रधान श्रद्धानंद राजली ने बताया कि हालांकि 13 जुलाई को धरना कमेटी और प्रसाशन की सामूहिक मीटिंग में समझौता हो गया था, लेकिन उस समझौते के मुताबिक कुछ मांगें मुख्यमंत्री के स्तर की थी। आज आंदोलन के 108वें दिन चंडीगढ़ स्थित CMO पर अधिकारियों के साथ शांतिपूर्ण माहौल में बात हुई। इस आंदोलन के लंबा खिंचने की वजह के रूप में बचे हुए सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है। बिना देरी के आज से ही सभी मांगों पर अमल करते हुए शहीद किसान के परिवार को उचित मुआवजा देने और 6 अगस्त से पहले सरकारी नौकरी देने पर सहमति बनी है। घायल चार किसानों को ढाई-ढाई लाख रुपए दिए जाने और 20 तारीख तक सभी केस वापस लेने पर सहमति बनी है।
उधर, खेदड़ धरना कमेटी के नेता सत्येंद्र सहारण ने पूरे हरियाणा के किसान संगठनों, सभी टोलों एवं सभी खापों और सभी सामाजिक संगठनों का धन्यवाद करते हुए कहा कि जिसने खेदड़ धरने पर एक दिन लगाया है, हम सब उसका धन्यवाद करते हैं। आप लोगों की बदौलत ही हम जीत पाए हैं। भविष्य में खेदड़ गांव की कहीं जरूरत पड़ी तो अगली लाइन खड़े मिलेंगे।