कृषि चक्र

किसी की बहन-बेटी की इज्जत बचाने पर दोस्तों ने फोड़ दी थी दोनों आंखें, अब SBI में हैं असिस्टैंट मैनेजर

देहरादून. समाज की भलाई और कामयाबी दोनों ऐसे गुण हैं, जो ऊपर वाला ही आपके भाग्य में लिखकर भेजता है। आज संघर्ष की मूर्ति की इबादत की सीरीज में शब्द चक्र न्यूज आपको ऐसी शख्सियत से मिलवाने जा रहा है, जिसने किसी की बहन-बेटी की आबरू की हिफाजत करने के एवज में अपनी दोनों आंखें गंवा दी थी, लेकिन बावजूद इसके एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते यह शख्स आज देश के अग्रणी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में असिस्टैंट मैनेजर हैं। आइए इस शख्स की कहानी को जरा तफसील से समझते हैं…

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले अनिल कुमार बताते हैं, ‘पिता चीनी मिल में गन्ने की चेन बांधने का काम करते थे। 12 साल की उम्र से मैं भी साथ काम करने लग गया। मुझे कबड्डी और दौड़ देखने का शौक बचपन से था। धीरे-धीरे स्पोर्ट्स में मजा आने लगा। फिजिकल फिटनैस के लिए सुबह-सुबह गांव से बाहर जाकर दौड़ता था। बिजनौर के हाई स्कूल में एडमिशन के साथ ही स्पोर्ट्स कॉम्पिटिशन में पार्टिसिपेट करने लग गया था। 2002 में गांव के कुछ लड़कों को देखकर मैं भी आर्मी की तैयारी करने लग गया। 2008 के आर्मी भर्ती का अपॉइंटमैंट लैटर हाथ में था, लेकिन तब तक मैं ब्लाइंड हो चुका था’।

अनिल कुमार के मुताबिक 2006 में उसने बिजनौर यूनिवर्सिटी में BCom तो दोस्तों ने BA में एडमिशन ले लिया। कॉलेज की NSS इकाई का हैड ब्वाय बनाए जाने पर दोस्त जलने लग गए। फरवरी 2009 में एडमिट कार्ड बंटने के वक्त अनिल पोडियम पर खड़ा था तो सामने कुछ लड़के लाइन में खड़ी लड़कियों के साथ धक्का-मुक्की कर रहे थे। दीवार से टकराकर एक लड़की के सिर से खून आने लगा। अनिल ने समझाइश की कोशिश की तो इस पर भी हमला कर दिया गया। पीछे के दरवाजे से निकलकर डॉक्टर से पट्टी करवाई और घर पहुंच गया। घर वालों ने जान की सलामती का हवाला दे कॉलेज छोड़ने की बात कही।

इसके कुछ दिन बाद दो-तीन दोस्त एक शादी का नाम लेकर घर से ले गए। रास्ते में एक दोस्त ने बातों में उलझा लिया और कुछ ही देर में हाथ में देसी कट्‌टे और हॉकी स्टिक थामे 50-60 लड़कों ने घेर लिया। हमले की पहल खास दोस्तों ने की। तमंचे की फायरिंग से पूरा चौराहा गूंजने लगा तो दुकानदार अपनी दुकानों के शटर गिराकर भाग गए। ट्रैफिक पुलिस भी तमाशा देखती रही। चार-पांच दोस्तों ने जातिसूचक गाली दी और इसी बीच अचानक एक दोस्त ने पीछे से आकर सिर पर कोई वजनदार चीज दे मारी। इसके बाद देसी कट्टे से फायरिंग की तो गोली के 34 छर्रे चेहरे पर लगे। लहूलुहान अनिल छटपटाने लगा तो पता चलने पर थोड़ी दूर एक मोबाइल सैंटर पर काम करता छोटा भाई जिला अस्पताल ले गया। वहां से मेरठ और फिर दिल्ली एम्स रैफर कर दिया गया। ऑपरेशन के बाद दोनों आंखें खो चुके होने का पता चला तो घर वालों के पैरों तले की जमीन खिसक गई। ग्रैजुएशन बीच में ही छूट गई। अपने जैसा बर्ताव घर वालों के साथ होने के डर से अनिल ने कोर्ट से केस वापस ले लिया।

Shabda Chakra News, शब्द चक्र न्यूज, Latest News In Hindi, Breaking News, ताजा खबरें, हिंदी समाचार, India Latest News Updates, CommonManIssue, Utter Pradesh News, Uttarakhand News, Dehradun Local News, SBI Dehradun, State Bank Of India Senior Assistant, SBI Senior Assistant Anil Kumar, Visualy Challenged, Special Bank Assistant

अनिल ने बताया कि एक दिन अखबार पढ़ रहे चाचा  से लखनऊ के दृष्टिबाधित डॉ. शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय के बारे पता चला तो इसके मन में भी पढ़ने की जिज्ञासा जागी। देहरादून के नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विजुअली हैंडिकैप्ड (NIVH) में किसी तरह से कंप्यूटर ट्रैनिंग में एडमिशन हो गया। ब्लाइंड होने के बाद पहली बार कंप्यूटर टच किया। 6 महीने तक तो अपने बैठने और टीचर के बोलने की डायरैक्शन ही समझ में नहीं आई। एक दोस्त बना तो उसके कंधे पर हाथ रखकर चलने लग गया। वो रोज मैस, क्लासरूम और वॉक कराने के लिए ले जाता था। 18 महीने की कंप्यूटर ट्रैनिंग के बाद भी कोई जॉब नहीं मिली। 2011 में वापस अपने घर आ गया। सोचने लगा, ‘जहां से निकला था, वहीं चला आया’। घुटन के बीच फिर से BCom करने की ठानी तो छोटी बहन खुशबू नोट्स पढ़कर सुनाती और अनिल सुनकर याद कर लेता। इसी दौरान बैंकिंग एग्जाम की तैयारी करने लग गया। बहन आंख बन गई तो उसके दम पर 2012 में 12वीं के आधार पर पर ही SBI, कैनरा और यूको बैंक में सलैक्शन हो गया। इनमें से SBI देहरादून की मेन ब्रांच में ज्वायन किया। फ्री में तनख्वाह लेने की टिप्पणियों के जूझते हुए आखिर अनिल ने बैंकिंग के सभी सैक्शन का काम सीखा। आज अनिल एक कामयाब असिस्टैंट मैनेजर हैं और जिन लोगों ने आंखों की रौशनी छीनी, वो कहीं मजदूरी भी नहीं कर पा रहे। इससे भी बड़ी बात यह भी है कि NIVH में प्यार के बाद अनिल शादी कर चुके हैं। हालांकि इनकी पत्नी की भी किसी दवा के रिएक्शन की वजह से 20 प्रतिशत रौशनी चली गई, लेकिन तीन बच्चों के साथ दोनों खुशहाल हैं।

Show More

Related Articles

Back to top button
Hacklinkbetsat
betsat
betsat
holiganbet
holiganbet
holiganbet
Jojobet giriş
Jojobet giriş
Jojobet giriş
casibom giriş
casibom giriş
casibom giriş
xbet
xbet
xbet
grandpashabet
grandpashabet
grandpashabet
İzmir psikoloji
creative news
Digital marketing
radio kalasin
radinongkhai
gebze escort
casibom
casibom
otobet
otobet güncel giriş
casibom güncel giriş
casibom güncel giriş
betturkey
betturkey giriş
Lisanslı Casino Siteleri
Deneme Bonusu
jojobet güncel giriş
Kaliteli Kumar Siteleri
Deneme Bonusu
Yerli Porno Film
jojobetdeneme bonusu veren sitelerfethiye escortfethiye escortmarsbahissgrandpashabetdeneme bonusu veren sitelerbetgarantiittempobetonwindeneme bonusu veren sitelermarsbahis girişsmm panelfethiye escortfethiye escortfethiye escortmarsbahisPorno izleKumar Siteleri
Mapseskişehir web sitesiseo fiyatlarıMetafizikMedyumbmw repair edmontonAntika alanlarAntika alanlarAntika alanlarAntika alanlarAntika Eşya alanlarAntika Eşya alanlarantikaİzmir Medyumweb sitesi yapımıankara yüzme kursuAntika mobilya alanlarAntika mobilya alanlardijital danışmanlıkmusallatmarsbahis girişmarsbahis girişmarsbahis girişmarsbahis girişcasibom giriş twittermarsbahismarsbahis giriş twittermarsbahis girişmarsbahisantika alımı