फिरोजपुर पुलिस की बड़ी लापरवाही: सुरक्षा जांच करने पहुंचे DGP जितेंद्र जैन की सुरक्षा से खिलवाड़; नहीं की गई बस स्टैंड पर खड़े वाहनों की चैकिंग, क्या होता जो किसी में Bomb होता
- अमृतसर के गोल्डन टैंपल स्थित हैरिटेज स्ट्रीट पर हुए धमाकों के बाद अलर्ट पर है पूरे राज्य की पुलिस, ऑपरेशन कॉस्को चलाकर फिरोजपुर में की गई सुरक्षा व्यवस्था की जांच
- वाहनों को नहीं हटवाने और जांच नहीं करने पर फिरोजपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भूपिंदरजीत सिंह सिद्धू ने कहा-जान-बूझकर लोगों को परेशान करना ठीक नहीं समझा
फिरोजपुर. पंजाब के सरहदी जिला फिरोजपुर के मुख्यालय पर पीएसपीसीएल के स्पैशल डीजीपी जितेंद्र जैन की सुरक्षा में मंगलवार को भारी चूक देखने को मिली। यह चूक भी उस वक्त सामने आई है, जबकि अमृतसर स्थित प्रदेश की सबसे बड़ी धर्मस्थली गोल्डन टैंपल के पास दो धमाकों के चलते पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट है। आज फिरोजपुर में जब चप्पे-चप्पे पर पुलिस छानबीन कर रही थी, ठीक उसी वक्त बस स्टैंड के बाहर बड़ी संख्या में कारें और मोटरसाइकल और स्कूटर आदि खड़े थे। किसी ने इन गाड़ियों की कोई चैकिंग नहीं की। गनीमत रही कि कोई अप्रिय घटना नहीं घटी, वरना इनमें से किसी में विस्फोटक सामग्री होने की आशंका से इनकार भी नहीं किया जा सकता। सवाल ये है कि पुलिस वाले इतने लापरवाह कैसे हो सकते हैं? हालांकि इस बारे में जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भूपिंदरजीत सिंह बड़ा डिप्लोमैटिक सा जवाब देते नजर आए। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह पुलिस वाले डरने लगे तो फिर आम जनता का क्या होगा। VIDEO देखें
मंगलवार को इसी कड़ी में डीजीपी पीएसपीसीएल (DGP PSPCL) जितेंद्र जैन ने फिरोजपुर पहुंचकर सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की हाजिरी में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और अन्य जगहों पर यात्रियों के सामान की चैकिंग की करवाई। उन्होंने कहा कि गैंगस्टर अपराधियों माफियाओं के दिल में दहशत कायम करने और आम जनमानस में कानून व्यवस्था के प्रति श्रद्धा बनाए रखने के लिए ‘ऑपरेशन कॉस्को’ शुरू किया गया है। इसके तहत एंटी नैशनल एलिमैंट, एंटी सोशल एलिमैंट के खिलाफ सबूत इकट्ठे करके उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। इस मौके पर एसएसपी भूपिंदरजीत भी विशेष तौर पर मौजूद रहे।
खास बात यह रही कि इस छानबीन के दौरान पुलिस सिर्फ खानापूर्ति करती नजर आई। पहले तो जब तब डीजीपी जैन नहीं पहुंच गए, तब तक पुलिस वाले ऐसे ही मटरगश्ती करते नजर आए। फिर जैन के पहुंचने के बाद चैकिंग अभियान शुरू किया गया। गजब की बात है कि एक ओर आज फिरोजपुर में जब चप्पे-चप्पे पर पुलिस छानबीन कर रही थी। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन परिसर के अंदर लोगों के सामान की बारीकी से जांच की जा रही थी, वहीं ठीक उसी वक्त बस स्टैंड के बाहर बड़ी संख्या में कारें और मोटरसाइकल और स्कूटर आदि खड़े थे। किसी ने इन गाड़ियों की कोई चैकिंग नहीं की। गनीमत रही कि कोई अप्रिय घटना नहीं घटी, वरना इनमें से किसी में विस्फोटक सामग्री होने की आशंका से इनकार भी नहीं किया जा सकता। अमृतसर जैसी घटना घट जाती तो क्या पुलिस वालों के पास लकीर पीटने के अलावा कोई चारा बचता?
उधर, इस बारे में फिरोजपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भूपिंदरजीत सिंह सिद्धू ने बताया कि विभाग की टीम ने आज सावर्जनिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था की जांच की। इसी बीच पार्किंग में और वैध पार्किंग से बाहर खड़े बेतरतीब वाहनों के असुरक्षा की वजह बनने की आशंका को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पुलिस ने जान-बूझकर लोगों को परेशान करना ठीक नहीं समझा। अगर ऐसी कोई आशंका होती तो इन वाहनों की सुरक्षा जांच भी जरूरी तौर पर की जाती। वैसे पुलिस वाले इस तरह छोटे-मोटे खतरों से डरने लग गए तो फिर कैसे काम चलेगा। हमारे लिए जिले की जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है और उसके लिए पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है। जल्द ही शहर और छावनी में एक फ्लैग मार्च भी निकाला जाएगा।