आखिर कौन हैं अतीक अहमद के लाडले को ठिकाने लगाने वाले अमिताभ यश? क्यों इस नाम से ही थर्रोते हैं बड़े-बड़े अपराधी
- पिता राम यश सिंह से मिले हैं बिहार के भोजपुर जिले से ताल्लुक रखते 1996 बैच के IPS अफसर अमिताभ यश को अपराधियों से निपटने गुर
- 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने बनाया था स्पैशल टास्क फोर्स का एसएसपी विकास दुबे समेत 150 का कर चुके एनकाउंटर
नई दिल्ली. बीते दिन उत्तर प्रदेश के विशेष कार्य बल (STF) ने झांसी में एक मुठभेड़ के बाद आपराधिक प्रवृत्ति वाले राजनेता अतीक अहमद के बेटे असद और उसके एक साथी गुलाम को ढेर कर दिया। इन लोगों के पास से कथित विदेशी हथियार भी बरामद हुए, जिसके बाद UP STF की हर तरफ सराहना हो रही है। एक ओर अतीक अहमद के बेटे असद को लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है, वहीं एक नाम और भी है, जो खासा चर्चा में है। यह नाम है UP पुलिस के धाकड़ एन्काउंटर स्पैशलिस्ट अमिताभ यश का। सबसे ज्यादा बधाइयां फोर्स के प्रमुख अमिताभ यश को मिल रही हैं। ऐसे में जो लोग नहीं जानते, वो भी जानना चाह रहे हैं कि आखिर ये दमदार अधिकारी हैं कौन। आइए, इस दमदार पुलिस अधिकारी के बारे में जरा तफसील से बताते हैं कि कैसे इनके नाम 150 एनकाउंटर का रिकॉर्ड बन गया…
बिहार के भोजपुर जिले से ताल्लुक रखते अमिताभ यश को अपराधियों से निपटने गुर अपने पिता से मिले हैं। 1996 बैच के आईपीएस अफसर अमिताभ यश के पिता राम यश सिंह भी भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी थे। राम यश सिंह बिहार कैडर के अधिकारी थे। उन्हीं को देखकर अमिताभ यश को पुलिस अफसर बनने की प्रेरणा मिली। UP STF के अमिताभ यश दिल्ली के सैंट स्टीफन्स कॉलेज से हायर एजुकेशन पूरी करने के बाद संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास की और IPS अधिकारी बन गए। अमिताभ यश को पहले संत कबीर नगर के कप्तान की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद बाराबंकी महाराजगंज, हरदोई, जालौन, सहारनपुर, सीतापुर, बुलंदशहर, NOIDA और कानपुर जैसी जगहों पर भी उन्होंने पुलिस कप्तान (SP) और वरिष्ठ पुलिस कप्तान (SSP) के रूप में सेवाएं दी है। खास बात यह है कि सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो, पर जब भी कभी अपराधियों को सही रास्ते पर लाना हो या फिर आतंक को खत्म करना हो तो फिर अमिताभ यश को ही याद किया जाता है।
2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने स्पैशल टास्क फोर्स का एसएसपी बनाया था। उस समय बुंदेलखंड के जंगलों में डेरा जमाए अमिताभ यश की टीम ने ददुआ नामक एक खतरनाक मुजरिम को मार गिराया था। हालांकि, ददुआ के खात्मे से बौखलाकर ठोकिया गैंग ने STF पर हमला कर दिया। फिर अमिताभ यश ने ऑपरेशन ठोकिया चलाने का फैसला लिया और इनकी टीम ने ठोकिया को भी मार गिराया। यही वजह है कि बड़े-बड़े अपराधी इनके नाम से कांपने लग जाते हैं और अब इनके कैरियर में 150 से ज्यादा एनकाउंटर करने का रिकॉर्ड दर्ज है। इनमें एक केस कानपुर के कुख्यात बदमाश विकास दुबे के खात्मे का भी है। आखिर, अमिताभ यश को एनकाउंटर स्पैशलिस्ट नहीं कहा जाता।