खालिस्तानी अमृतपाल को इस शख्स ने दी थी Lift; जानें क्यों की मदद और क्या कह रहा है ये
- टायर पंक्चर होने की बात कहकर रोड पर खड़े अमृतपाल और उसके साथी ने मेहतपुर इलाके के लखबीर सिंह लक्खा से मांगी थी लिफ्ट, जाते वक्त अमृतपाल ने दिए थे 100 रुपए
- सोशल मीडिया पर फोटो-वीडियो वायरल होने के बाद मीडिया के सामने आया लक्खा, बोला-मैं नहीं जानता था कि मुझसे लिफ्ट लेने वाले अमृतपाल और उसका साथी हैं
जालंधर. देश की सुरक्षा के लिए खतरा बने खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के चीफ अमृतपाल को लेकर शुक्रवार को नया खुलासा हुआ है। दरअसल, पंजाब पुलिस के कड़े पहरे के बीच भागे अमृतपाल की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वह एक मोटरसाइकल रेहड़ी में बैठा नजर आ रहा है। अब इस मोटरसाइकल रेहड़ी का मालिक सामने आया है। उसने बताया कि उसे पता नहीं था-जिन्हें उसने लिफ्ट दी, वो अमृतपाल और उसका साथी थे। उसने उन दोनों को टायर पंक्चर ठीक करने वाली एक दुकान पर छोड़ा था।
दरअसल, खालिस्तानी विचारधारा के समर्थक एक और कट्टरपंथी संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके 29 साथियों पर आरोप है कि अमृतपाल के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने को लेकर 15 फरवरी की रात को रूपनगर जिले के चमकौर साहिब के बरिंदर सिंह नामक एक युवक को किडनैप किया और अमृतसर जिले में जंडियाला गुरु के पास मोटर पर (जहां अमृतपाल भी मौजूद था) बुरी तरह पीटा था। इस मामले में पुलिस ने लवप्रीत सिंह तूफान को गिरफ्तार किया तो अमृतपाल ने 23 फरवरी को हजारों समर्थकों के साथ अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला कर दिया। बड़ा आरोप यह भी है कि यह हमला पंजाब के वारिस होने का ढोंग करने वाले इस गुट ने धर्म ग्रंथ (श्री गुरु ग्रंथ साहिब) की आड़ में किया, ताकि पुलिस कोई सख्त एक्शन न ले सके। इस घिनौनी वारदात के बाद पंजाब पुलिस ने घुटने टेक दिए और अमृतपाल के दाहिने हाथ तूफान को छोड़ दिया।
थाने पर हमले के मामले में अमृतपाल और उसके साथियों पर कार्रवाई नहीं होने के चलते पंजाब पुलिस की काफी आलोचना हो रही थी, वहीं इसी बीच शनिवार 18 मार्च को अमृतपाल ने जालंधर-मोगा नैशनल हाईवे पर शाहकोट-मलसियां इलाके और बठिंडा जिले के रामपुरा फूल में प्रोग्राम रखे थे। कड़ी नाकाबंदी और समर्थकों के जुटने के बीच दोपहर लगभग 1 बजे अमृतपाल का काफिला जैसे ही मैहतपुर कस्बे के नजदीक पहुंचा, पुलिस ने घेरा डाल लिया। कई को तो हथियारों के साथ मौके से ही धर-दबोचा, वहीं अब तक अमृतपाल के सवा सौ के लगभग समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि अभी तक अमृतपाल का कोई अता-पता नहीं है। यह अलग बात है कि 18 मार्च के घटनाक्रम में लगभग डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिए जाने की सूचनाएं दिनभर चलती रही, लेकिन देर रात पुलिस की तरफ से प्रैस नोट जारी करके बताया गया कि संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पंजाब की सरकार से जवाब मांग चुका है कि आपके 80 हजार पुलिस वाले आखिर कर क्या रहे हैं?
इसी बीच अमृतपाल की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वह अपने एक साथी के साथ प्लैटिना मोटरसाइकल को एक जुगाड़ू रेहड़ी (मोटरसाइकल वाली) में रखकर निकलता दिख रहा है। पता चला है कि यह जालंधर के मेहतपुर इलाके की है। फोटो और सीसीटीवी वीडियो सामने आने के बाद मीडिया ने इस जुगाड़ के मालिक से बात की तो लखबीर सिंह लक्खा नामक इस शख्स ने बताया कि वह घर से मेहतपुर की ओर जा रहा था तो रास्ते में दो नौजवान खड़े थे। उन्होंने उसे रोककर कहा कि उनकी बाइक का टायर पंक्चर हो गया है, वह उन्हें आगे तक छोड़ दे। उन्होंने उसे 100 रुपए दिए और इसके बाद वह अपने गंतव्य की ओर बढ़ गया। लखबीर सिंह लक्खा की मानें तो उसे पता नहीं था कि उससे लिफ्ट लेने वाले खालिस्तानी अमृतपाल और उसका साथी हैं। साथ ही उसने यह भी बताया कि रास्ते में गाड़ियां तो बहुत थी, लेकिन उनकी किसी ने चैकिंग नहीं की। फोटो के नकली होने के दावे को खारिज करते हुए लखबीर सिंह लक्खा ने कहा कि नहीं जी, यह नकली नहीं है। ठेला भी उसका है और उसे चला भी वही रहा था।