पंजाब के DGP समेत 5 अफसरों को किया Highcourt ने नोटिस जारी, 24 मई को पेश होकर इस मामले में देना होगा जवाब
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30 अप्रैल 2008 को पंजाब पुलिस से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी श्री मुक्तसर साहिब जिले के दर्शन सिंह ने
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फौजदारी का केस दर्ज होने के बाद विभाग ने पैंशन और ग्रेच्युटी रोकी तो 10 साल अपने स्तर पर लड़ाई लड़ी
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परेशान होकर हाईकोर्ट में की याचिका दायर, CS, PS, लेखाकार, DGP और SSP से की गई जवाब तलबी
चंडीगढ. पंजाब एंड हरियाणा की तरफ से बीते दिनों पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP Punjab) और प्रदेश के मुक्तसर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) समेत अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। मामला पुलिस विभाग से रिटायर हो चुके एक बुजुर्ग व्यक्ति की याचिका का है, जिसने पैंशन और ग्रेच्युटी नहीं मिलने पर न्याय की आस में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अब इस मामले में अगली सुनवाई 24 मई को होनी है। हालांकि संबंधित व्यक्ति के खिलाफ दर्ज आपराधिक केस को लेकर फिलहाल हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है।
दरअसल, मुक्तसर जिले के गांव चरवाण के दर्शन सिंह पुत्र अमर सिंह 4 सितंबर 1975 को पंजाब पुलिस में सिपाही के तौर पर भर्ती हुआ था। 30 अप्रैल 2008 को उसने स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति (VRS) ले ली। इसके बाद उसके खिलाफ फौजदारी का एक संगीन मामला दर्ज हो गया, जिसका फैसला उसके खिलाफ गया। इस संबंध में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में 73 वर्षीय दर्शन सिंह के केस की पैरवी कर रहे वकील तरुण ने बताया कि दर्शन सिंह ने अपने खिलाफ गए फैसले को उनके (एडवोकेट तरुण के) माध्यम से हाईकोर्ट में चुनौती दी है। यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है। याचिकाकर्ता दर्शन सिंह ने हाईकोर्ट को बताया कि विभाग ने उसकी ग्रेच्युटी और पैंशन को अवैध रूप से रोककर रखा गया है। इसके लिए पहले अपने स्तर पर 10 साल तक लड़ाई लड़ी। दफ्तरों के चक्कर काटे और फिर थक-हारकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
एडवोकेट तरुण ने बताया कि फिलहाल मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने संबंधित याचक की सजा को निलंबित कर दिया है। साथ ही अब फरवरी के आखिरी सप्ताह में पैंशन और ग्रेच्युटी का भुगतान न करने के मामले में हाईकोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव, गृह और न्याय विभाग के प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक (DGP), लेखाकार और श्री मुक्तसर साहिब के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को नोटिस जारी करते हुए 24 मई को पेश होकर जवाब देने को कहा है।