हिमाचल में आसमान से बरसी आफत: 24 घंटे में 19 लोगों की मौत, पंजाब से जोड़ने वाला चक्की रेलवे पुल बहा; 3 जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद
चंबा/मंडी/कांगड़ा. हिमाचल प्रदेश में बारिश से जान-माल की भारी हानि हुई है। बीते 24 घंटे में राज्य में 19 लोगों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा मंडी जिले में 12 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद चंबा में 3, जबकि शिमला और कांगड़ा 2-2 लोगों ने जान गंवाई। राज्य में शुक्रवार से शनिवार के बीच बाढ़, लैंड स्लाइड और बादल फटने की 34 घटनाएं हुई हैं। कांगड़ा, मंडी और चंबा जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इन जिलों में कई लोग लापता हैं। हालात इतने गंभीर हैं कि राज्य के चीफ सेक्रेटरी आरडी धीमान ने अधिकारियों की इमरजेंसी मीटिंग ली। राज्य सरकार ने बारिश से बुरी तरह प्रभावित कांगड़ा, मंडी और चंबा जिले में सभी स्कूल-कॉलेज बंद करने के निर्देश दिए हैं। बाकी जिलों के डीसी भी हालात के अनुसार स्कूल-आंगनवाड़ी सेंटर बंद करने का फैसला ले सकेंगे।
कांगड़ा के धर्मशाला में 24 घंटे में 333 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके साथ ही यहां बारिश का 64 साल का रिकार्ड टूट गया। इससे पहले 6 अगस्त 1958 को यहां 314.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। बारिश के कहर से हिमाचल के अलग-अलग जिलों में 742 सड़कें ब्लॉक हो गईं। बिजली के 2000 ट्रांसफॉर्मर बंद हो गए और 172 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। उधर, कांगड़ा में भारी बारिश से चक्की नदी में बना पंजाब और हिमाचल को जोड़ने वाला रेलवे पुल बह गया। हालांकि, इस पुल को एक हफ्ते पहले ही असुरक्षित घोषित कर दिया था और अगस्त के पहले हफ्ते में ही बंद कर दिया था।
मंडी जिले में 4 लोगों की और कांगड़ा के शाहपुर में मकान गिरने से 9 साल की एक बच्ची की मौत हो गई। पता चला है कि मंडी में एक ही परिवार के 8 सदस्य इसकी चपेट में आ गए। एक महिला और 2 बच्चों के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि 5 लोग अभी भी मलबे में दबे हुए। पूरा परिवार रात को घर पर सो रहा था। इस दौरान अचानक घर के पीछे का पहाड़ धंस गया। कटौला के बागी नाला में बाढ़ में एक गाड़ी और इसमें सवार छह लोग बह गए। 15 साल की लड़की का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। हमीरपुर में भी 12 घर नदी में डूब गए। इनमें फंसे 19 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार सूबे में बीते 24 घंटे में दौरान कांगड़ा जिले में सबसे ज्यादा 346.6 मिलीमीटर बारिश हुई। मंडी में 119.6 मिमी, डलहौजी में 111 मिमी, पालमपुर में 113 मिमी, सुंदरनगर में 77.7 मिमी, धर्मशाला में 333 मिमी, बरठीं में 60, शिमला में 57.7 मिमी और कुफरी में 69 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। मौजूदा सीजन में भारी बारिश के चलते राज्यभर में सड़क हादसों, बादल फटने, बाढ़, भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 217 लोगों की मौत हो गई है, वहीं 1,135 करोड़ रुपए की सरकारी और निजी संपत्ति बर्बाद हुई है। मरने वालों में सबसे ज्यादा 35 लोग शिमला जिले से थे तो 31 कुल्लू से थे।
सभी बांध खतरे के निशान के करीब, बारिश का अलर्ट अभी जारी
जहां तक बांधों की स्थिति की बात है, राज्य की अधिकांश नदियों पर बने बांध खतरे के निशान पर पहुंच गए हैं। 970 मीटर खतरे का निशान रखते लारजी बांध में 969 मीटर पानी है। नाथपा बांध 1494 मीटर पानी है, जो खतरे के निशान से आधा मीटर ही नीचे है। सैंज बांध में इस वक्त 1752 मीटर पानी है, जबकि खतरे का निशान 1753 मीटर पर है। चांजू-एक में भी जलस्तर खतरे के निशान 1441 मीटर से से 0.9 मीटर ही कम है। इसी के साथ मौसम विभाग की मानें तो अगले 96 घंटे तक भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। लाहौल स्पीति को छोड़कर बाकी 11 जिलों में दो दिन का यलो अलर्ट है।