फरीदाबाद. हरियाणा के फरीदाबाद में पौने 3 साल पुराने कत्ल के एक मामले में कोर्ट का फैसला आया है। इस मामले में मृतक की पत्नी और उसके दो यारों को अब जिंदगीभर जेल की सलाखों में सड़ना होगा। साथ ही कोर्ट ने कातिलों को जुर्माने की सजा का भी हुक्म सुनाया है।
बता दें कि बेवफाई का यह मामला 15 अप्रैल 2019 को फरीदाबाद के थाना भूपानी में दर्ज हुआ था। पुलिस को दी शिकायत में मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथूरा जिले के गांव छोती निवासी योगेश कुमार ने बताया था कि वह यहां फरीदाबाद के हनुमान नगर में रहते हैं। चाचा राम प्रसाद ऑटो चलाते थे। 15 अप्रैल 2019 को उसके पास उसके पिता का फोन आया कि तुम्हारे चाचा राम प्रसाद की किसी ने हत्या कर दी। धारदार हथियार से कत्ल किए जाने के बाद उसकी लाश को हाथ-पैर बांधकर ऑटो में ही छोड़ा गया था।
कत्ल का केस दर्ज होने के बाद क्राइम ब्रांच ने राम प्रसाद की पत्नी मीना, लोनी गाजियाबाद के रहने वाले उसके एक आशिक दिलशाद और गांव महावतपुर फरीदाबाद के रहने वाले दूसरे आशिक गुलजार को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला कि मीना के दिलशाद और गुलजार के साथ नाजायज ताल्लुक थे। राम प्रसाद को पता चल गया तो इसी कारण घर में क्लेश रहने लग गया। मीना ने राम प्रसाद को रास्ते से हटाने के लिए गुलजार और दिलशाद की मदद ली। 14 अप्रैल को दोनों मोटरसाइकल लेकर खेड़ी पुल के पास खड़े हो गए। रात में राम प्रसाद जैसे ही ऑटो लेकर घर से निकला मीना ने दोनों को फोन करके बता दिया। दिलशाद ने ऑटो रुकवाया और डूंगरपुर जाने के लिए छह सौ रुपए का किराया तय करके उसमें बैठ गया। गुलजार मोटरसाइकल पर उनके पीछे-पीछे चलता रहा। महावतपुर के जंगल में दोनों ने राम प्रसाद के हाथ-पांव बांध दिए और फिर धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी। अगले दिन लोगों ने शव पड़ा देखा तो पुलिस को सूचना दी।
अब इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश वाईएस राठौर की अदालत ने मीना और उसके दोनों यारों को उम्रकैद के साथ-साथ 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा का हुक्म दिया है। गुलजार और दिलशाद को 20-20 हजार तो मीना को 10 हजार रुपए जुर्माना देना होगा।