सपेरे की बेटी America जाकर करेगी पढ़ाई, 10 साल की उम्र में कर चुकी इतना बड़ा काम
संगरूर. धूरी के जोगीनाथ (सांप पालने वाला यानि सपेरा समुदाय) परिवार की बेटी ने वो कर दिखाया है जिसकी लोग कल्पना भी नहीं कर सकते। संत नाथ की बेटी रवीना ने आर्थिक तंगी के बीच पढ़ाई-लिखाई करने का सपना देखा, जो चांद को छू लेने जैसा है। रवीना अब अमेरिका की मशहूर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में जाकर मास्टर डिग्री करेगी। जोगीनाथ संत नाथ के घर माता प्रकाशो देवी की कोख से जन्मी आठ भाई-बहनों में सबसे छोटी रवीना अपने कबीले की इकलौती ऐसी लड़की है, जिसने विदेश की जमीन पर कदम रखा है।
रवीना 3 वर्ष की थी, जब परिवार हाथों से रजाई वगैरह बनाकर बेचने का काम करता था। रोजी-रोटी की तलाश में संत नाथ का परिवार अपने 500 लोगों के कबीले के साथ नेपाल चला गया। वहां रवीना की पढ़ाई शुरू हुई। 10 वर्ष की उम्र में उसे एक NGO में अंग्रेजी ट्रांसलेटर के तौर पर काम करने का मौका मिला।
वर्ष 2018 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रवीना ने यूनाइटेड नेशंस फाउंडेशन के सहयोग से नेपाल में संस्था बनाकर अपनी बिरादरी की लड़कियों के लिए काम करना शुरू कर दिया। बिरादरी में छोटी आयु में ही लड़कियों के विवाह कर देने की प्रथा के मद्देनजर बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज बुलंद करने लगी। रवीना का परिवार भी 3 बार उसे शादी के लिए कह चुका था, लेकिन रवीना ने इसका विरोध किया। अपनी संस्था की मदद से वह बिरादरी की लड़कियों को पढ़ाई के लिए जागरूक करने लगी।
एसएसपी संगरूर मनदीप सिंह सिद्धू ने रवीना के परिवार पिता संत नाथ और माता प्रकाशो देवी को सम्मानित किया और रवीना से बातचीत की। सिद्धू ने कहा कि बुलंद हौसले व मेहनत की बदौलत रवीना आज विदेश की धरती पर इलाके का नाम रोशन कर रही है। बेटियों को खुले हवा में उड़ने का मौका प्रदान करें तो वह हर मुकाम हासिल कर सकती हैं।