राजेन्द्र ठाकुर/चम्बा
बैंकिंग सुविधा और विभिन्न सरकारी योजनाओं का एक ही उद्देश्य हाेता है-आमजन के सुख-दुख का साथी बनना। हाल ही में हिमाचल प्रदेश के चम्बा से उस वक्त ऐसा ही एक उदाहरण उस वक्त सामने आया, जब पति की मौत के बाद आर्थिक संकट से घिरी एक महिला को बीमा क्लेम मिला। हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक और केयर हैल्थ ने इस महिला को 5 लाख के क्लेम सैटलमैंट का लैटर सौंपा है। हालांकि जीना-मरना परमात्मा के हाथ में है और किसी के जीवनसाथी को तो कोई वापस नहीं ला सकता, लेकिन जिंदगी आसान जरूर बनाई जा सकती है।
दरअसल, जिले के समोत निवासी राजकुमार नामक एक किसान ने 2018 में हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक (HPGB) की चम्बा स्थित क्षेत्रीय कार्यालय शाखा से कृषि लोन लिया था। बैंक ने केयर हैल्थ इंश्योरैंस स्कीम के तहत उसके लोन का बीमा भी किया था। कुछ दिन पहले राजकुमार की एक दुर्घटना में मौत हो गई तो उसकी विधवा पत्नी नीलम देवी के आगे परिवार का पेट पालने की समस्या आन खड़ी हो गई।
बुधवार को ग्रामीण बैंक की समोत शाखा में नीलम देवी को केयर हैल्थ इंश्योरैंस (CHI) के 5 लाख रुपए का क्लेम सैटलमैंट लैटर दिया गया। इस अवसर पर कंपनी के राज्य प्रमुख बालम राम ठाकुर, क्षेत्रीय प्रबंधक चन्दन अरोड़ा, सहयोगी क्लस्टर प्रबंधक राजेश कुमार, समोत शाखा प्रबंधक सुशील कुमार और बैंक के अन्य स्टाफ मैंबर्स मौजूद रहे।
ग्रामीण बैंक के अधिकारी ने लोगों से की ये अपील
हिमाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक के चन्दन अरोड़ा क्षेत्रीय प्रबंधक ने कहा कि बैंक में जिन ग्राहकों के बचत और लोन खाते हैं, वो केयर हैल्थ इंश्योरैंस की दुर्घटना लोन इंश्योरैंस और हेल्थ इंश्योरैंस जरूर करवाएं। यह बहुत ही उचित मूल्य में दी जाती है। बीमे का पैसा इतना मायने नहीं रखता, जितना मुसीबतों का पहाड़ टूटने की स्थिति में सहारा बन सकता है। हम लोन प्रोटैक्टर बीमा करवाकर अपने परिवार पर पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ से बचा सकते हैं।