राजेन्द्र ठाकुर/चम्बा
राज्य विद्युत परिषद पैंशनर्ज वैल्फेयर एसोसिएशन चम्बा इकाई द्वारा पैंशनर्स दिवस धूमधाम से राज्य मनाया गया, जिसकी अध्यक्षता मुकेश बेदी द्वारा की गई। इस अवसर पर समस्त पदाधिकारी व सदस्यों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। अध्यक्ष मुकेश बेदी ने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युयत बोर्ड प्रबंधन व हिमाचल प्रदेश सरकार को कुछ शरारती षड्यंत्रकारियों व घुसपैठियों द्वारा पूंजीपतियों के चंगुल में फंसाकर बिजली बोर्ड को निजीकरण की ओर धकेलने के प्रयास की घोर निंदा व कड़े शब्दों में विरोध किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में सरकार ने बिजली बोर्ड में निदेशक सिविल का पद समाप्त करके बोर्ड से सिविल विंग का सफाया कर दिया है। इसके साथ ही 51 पद अधीक्षण, अधिशाषी अभियंता व एस.डी.ओ. (ई.) के पद समाप्त करके व आउट सोर्स पर लगे 81 कर्मचारियों को घर का रास्ता दिखा दिया जो सरकार की दोगली नीति को दर्शाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि हम बिजली अधिनियम 2003 का कड़ा विरोध व घोर निंदा करते हैं जिसकी आड़ में सरकार की जनता विरोधी कुनीतियों के कारण बिजली बोर्ड को तहस नहस करके कंगाल कर दिया। मुकेश बेदी ने कहा कि जहां हम हिमाचल प्रदेश सरकार व बिजली बोर्ड प्रबंधन का हमारे व समस्त कर्मचारियों के बार-बार अनुरोध करने पर तथा सदर विधायक नीरज नैय्यर के अथक प्रयासों व कड़ी मेहनत से बोर्ड कार्यालय आदेश संख्या 31, 22 दिसम्बर के अनुसार चम्बा जिला की बहुचर्चित चुराह घाटी की 4 पन बिजली परियोजनाओं के निर्माण के लिए चम्बा तथा तीसा में बंद किए गए कार्यालयों की पुन: बहाली पर आभार जताया तो वहीं अभी तक सबंधित कर्मचारियों व अधिकारियों की तैनाती न करने पर गहरी चिता व रोष प्रकट करते हैं। कार्यालयों पर एक वर्ष से लटके ताले सरकार व बोर्ड प्रबंधन की कार्यशैली पर स्वयं प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हैं। निर्माण कार्य में हो रही देरी निर्माण लागत बढ़ाने को न्यौता दे रही है जिसका बोझ हिमाचल प्रदेश की भोली-भाली जनता पर पड़ेगा। सरकार व बोर्ड प्रबंधन अपनी लेटलतीफी व नालायकी का ठीकरा प्राय: दिन रात कड़ी मेहनत कर रहे कर्मचारियों व अधिकारियों के सिर फोड़ती है, जिसको कदापि सहन नहीं किया जाएगा।
उन्होंने दोबारा मांग करते हुए कहा कि परियोजनाओं के शीघ्र निर्माण के लिए चम्बा में मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता के कार्यालयों को भी शीघ्र खोला जाए ताकि निर्माण को गति प्रदान की जा सके और हजारों की संख्या में रोजगार के इंतजार में बैठें युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सके तथा सरकार का रोजगार देने का सपना भी पूरा हो सके और आंकाक्षी जिले को भी पिछड़ेपन से छुटकारा मिल सके।