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CITU ने CM सुक्खू और PM मोदी को भेजा ज्ञापन; चेतावनी-आने वाले दिनों में न करना पड़े विधानसभा का घेराव

राजेन्द्र ठाकुर/चम्बा

आंगनवाड़ी वर्कर्स और हैल्पर यूनियन संबंधित सैंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU) की चम्बा जिला कमेटी ने मांगें पूरी नहीं होने के खिलाफ बीते दिन रोष जताया। उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। प्रदर्शन का नेतृत्व आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन की जिलाध्यक्ष चंपा देवी, जिला सचिव बीना देवी ,सीटू के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार महासचिव सुदेश ठाकुर ने किया। इन यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि जरूरत पड़ी तो आने वाले समय में यूनियन विधानसभा का घेराव करेगी।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश की आंगनवाड़ी वर्कर्स और हैल्पर यूनियन अपनी मांगों को लेकर 11 सितंबर से 23 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में प्रोजैक्ट और जिला स्तर पर प्रदर्शन कर रही है। इसी कड़ी में सोमवार शाम को चम्बा जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी स्टाफ ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार आईसीडीएस को कमजोर कर रही हैं। केंद्र सरकार बजट में लगातार कटौती कर रही है, जिसके चलते देश में चलाए जा रहे इस कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों, गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं पर विपरीत असर पड़ेगा। जिस उद्देश्य से इस योजना को चलाया गया है ऐसा करने से उस योजना की पूर्ति नहीं हो पाएगी।

हिमाचल प्रदेश के अंदर नई शिक्षा नीति के चलते आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाले 3 साल से 6 साल के बच्चों को प्री प्राइमरी नर्सरी में लिया गया है, जिसके चलते आंगनवाड़ी में बच्चों की संख्या तो कम हो रही है मगर बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए जो न्यूट्रिशन आंगनवाड़ी केंद्रों में दिया जाता था, वह उन्हें अब नहीं मिलेगा और जिस तरह से बच्चों की ग्रेडिंग करके में बच्चों की देखभाल की जाती थी वह अब नहीं की जाएगी। इसके चलते इन बच्चों में कुपोषण और बढ़ेगा।

ये हैं यूनियन की मांगें

यूनियन ने सरकार से मांग की है कि आईसीडीएस के बजट में बढ़ोतरी करके और आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्री नर्सरी स्कूल बनाकर आंगनवाड़ी वर्कर को नर्सरी टीचर नियुक्त किया जाए। हिमाचल प्रदेश में मिनी आंगनवाड़ी वर्कर को केंद्र सरकार से मिलने वाला मानदेय पिछले अप्रैल 2024 से नहीं मिल रहा है, जिसे जारी किया जाए और इस निरंतर दिया जाए। साथ ही उन्होंने मांग की है कि मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को बिना शर्त अपग्रेड करके आंगनवाड़ी का दर्जा दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार ग्रैच्युटी का तुरंत भुगतान किया जाए, 45वें श्रम सम्मेलन के अनुसार आंगनवाड़ी वर्कर्स-हैल्पर्स को वर्कर का दर्जा दिया जाए, रिटायरमैंट पर पैंशन दी जाए, आंगनवाड़ी वर्कर की प्री नर्सरी में 100% नियुक्ति की जाए। हरियाणा की तर्ज पर आंगनवाड़ी वर्कर्स को मिलने वाले आर्थिक लाभ दिए जाएं, पंजाब राज्य की तर्ज पर छुट्टियां और मैडिकल फैसिलिटी दी जाएं।

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