BFUHS के नए VC और मैनेजमैंट बोर्ड के गठन के बाद पहली बार हुई स्वास्थ्य सेवाओं के उत्थान पर चर्चा
फरीदकोट. पंजाब के फरीदकोट स्थित बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइंसेज (BFUHS) के नए प्रबंधन बोर्ड के गठन और नए वाइस चांसलर के कार्यभार ग्रहण कर लेने के बाद शुक्रवार को मैनेजमैंट बोर्ड की पहली मीटिंग हुई। इसमें बोर्ड के चेयरमैन प्रोफैसर गुरप्रीत सिंह वांडर ने विश्वविद्यालय के उत्थान और पंजाब में चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ रोगी देखभाल के मानक को बढ़ाने के लिए अपने ज्ञान और दूरदर्शिता पर अपने विचार रखे।
ध्यान रहे, अभी थोड़े ही दिन पहले बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ सांइसेज के मैनेजमैंट बोर्ड में बदलाव किया गया है। शुक्रवार को बोर्ड की पहली मीटिंग आयोजित की गई थी। इसमें यूनिवर्सिटी के नए वाइस चांसलर प्रो. राजीव सूद भी शामिल हुए। उन्होंने भी हाल ही में 17 जुलाई को यहां वाइस चांसलर के रूप में जिम्मेदारी संभाली है। शुक्रवार को विश्वविद्यालय के समिति कक्ष में आयोजित निदेशक मंडल की 60वीं विशेष बैठक में सबसे पहले कुलपति प्रो. सूद ने बोर्ड के सभी नए सदस्यों का स्वागत किया। इस दौरान बोर्ड के चेयरमैन प्रोफैसर (डॉ.) गुरप्रीत सिंह वांडर ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का धन्यवाद किया कि उन्होंने उन पर विश्वास जताया है। मुख्यमंत्री ने उन्हें चेयरमैन नियुक्त करके न केवल उन्हें सम्मानित किया है, बल्कि पंजाब राज्य में चिकित्सा शिक्षा के सुधार के लिए उनके कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी भी दी है।
कुलपति प्रो. राजीव सूद का धन्यवाद करते हुए अपने संबोधन में डॉ. वांडर ने विश्वविद्यालय के उत्थान और पंजाब राज्य में चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ रोगी देखभाल के मानक को बढ़ाने के लिए अपने विजन को सांझा किया। कुलपति ने विश्वविद्यालय की सभी शाखाओं के कामकाज पर एक समेकित रिपोर्ट प्रस्तुत की और कहा कि विश्वविद्यालय प्रवेश, परीक्षाओं और अनुसंधान गतिविधियों के मामले में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। फिर भी जहां कहीं सुधार की जरूरत होगी, वह काम करेंगे। उन्होंने सभी बोर्ड सदस्यों के साथ एक टीम के रूप में न केवल राज्य में बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय के मानकों और रैंकिंग को बढ़ाने का आश्वासन दिया। कुलपति ने आगे बताया कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के एक सक्रिय सदस्य के रूप में वह राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से संबंधित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
इस बैठक में रजिस्ट्रार ने भी पावर प्वाइंट प्रैजैंटेशन दी, जिसमें कुलपति डॉ. राजीव सूद के इतिहास एवं कार्य प्रणाली के साथ-साथ विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अब तक की उपलब्धियों की जानकारी दी गई। प्रबंधन बोर्ड के कुल 14 सदस्यों में से कुलपति सहित 9 सदस्य इस विशेष बैठक में शामिल हुए और इन सभी सदस्यों ने विश्वविद्यालय के अधीनस्थ अधिकारी को अपना परिचय दिया और उनसे अपेक्षा की कि जहां भी आवश्यकता होगी, व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए संयुक्त रूप से काम करेंगे।