फिरोजपुर. सरकार चाहे कोई भी हो, समाज के किसी न किसी वर्ग पर लाठियां बरसाने का काम कर ही देती है। बीते दिन शुक्रवार को पंजाब के सरहदी शहर फिरोजपुर में भी दिव्यांगजनों को लाठियां मारने की धमकी दी गई, जबकि इन्हें सांसद निधि (MP Fund) से इलैक्ट्रिक ट्राइसिकल देने की बात कहकर बुलाया गया था। फिर वादा पूरा किए बिना ही डरा-धमकाकर भगा दिया गया। यह जलालत आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक के कार्यक्रम में हुई है। गजब की बात तो यह भी है कि सांसद के एक भाई खुद दिव्यांग हैं, लेकिन बावजूद इसके वो दिव्यांगजनों का दर्द नहीं समझ पाए। उधर, परेशानी किए गए-धमकाए गए दिव्यांजनों को यह कहते सुना गया कि लाठी क्यों? गोली मार दो, ताकि एक बार में ही काम खत्म हो जाए।
बता दें कि आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य (AAP MP) एवं पूर्व पंजाब प्रभारी संदीप पाठक शुक्रवार को एमपी फंड से दिव्यांगजनों को इलैक्ट्रिक ट्राईसिकल बांटने के लिए फिरोजपुर आए थे। आरोप है कि स्थानीय प्रशासन और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने यहां भीड़ जुटाने के लिए सरहदी क्षेत्र की जनता के साथ धोखा किया है। असल में जैसा कि कार्यक्रम था, उसके मुताबिक यहां जिलभर के दिव्यांगजनों की अच्छी-खासी भीड़ जुटा ली गई। फिर बहुत से ऐसे लोगों को मायूसी हाथ लगी। कारण, जिस आस से आए थे, वो पूरी नहीं हुई। कुछ ही लोगों को ट्राइसिकल दी गई और जब बाकी के पात्र लोगों ने सवाल उठाया तो इन्हें यहां तैनात एक तहसीलदार की तरफ से लाठियां मारने की धमकी दी गई।
प्रशासन के बुलावे पर आए कई दिव्यांग युवक कार्यक्रम के अंत में आंसू बहाते नजर आए। दिव्यांग जनों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने खुद फोन करके बुलाया था कि सांसद संदीप पाठक के कार्यक्रम आप लोगों को इलैक्ट्रिक ट्राईसिकल दी जाएंगे, लेकिन अब कह रहे हैं आपके लिए नहीं हैं। ये ट्राईसिकल कुछ लोगों को दी जाएंगी। जब विरोध किया तो प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि लाठियां मार-मारकर बाहर निकाल देंगे। यह सब संदीप पाठक से कुछ दूरी पर होता रहा और दिव्यांगजन चुपचाप आंसू बहाते हुए सांसद को कोसते हुए कार्यक्रम से बाहर गेट पर आ गए। इससे बड़ी शर्मनाक बात और क्या होगी कि जिस सांसद की तरफ से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था, उसका खुद का भाई दिव्यांग है। बावजूद इसके यहां दिव्यांगों की भानवाओं के साथ खिलवाड़ किया गया।
ध्यान रहे, कार्यक्रम के दौरान मीडिया से रू-ब-रू आप के राज्यसभा सदस्य डॉ. संदीप पाठक ने खुद कहा था, ‘दिव्यांगों का दर्द मैं समझता हूं। मेरा अपना भाई भी दिव्यांग है। फिरोजपुर सरहदी जिला है। समय-समय की सरकारों ने फिरोजपुर पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया। अब हम फिरोजपुर जिले को गोद लेते हैं और इसका कायाकल्प कर देंगे’। जब उन्हीं के कार्यक्रम में छलावा हुआ तो सरहदी जिले के दिव्यांगजनों से यह बर्दाश्त नहीं हुआ। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और आम आदमी पार्टी के नेतृत्व को कहा कि लाठी क्याें गोली ही क्यों न मार दी जाए। एक ही बार में काम तमाम हो जाएगा। अगर जिए तो किसी न किसी मौके पर इन लोगों को शूल की तरह चुभते ही रहेंगे और ये नेता भी ऐसे नाजायज फायदा उठाने से बाज नहीं आने वाले।